Voice Disorder: हर किसी का अपना बोलने का अलग तरीका है. वहीं कुछ लोग ऐसे होते है जो कि आवाज में भारीपन या बदलने की टोन को नजरअंदाज करते हैं. लेकिन ये एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है. अगर हमारी बॉडी में कोई बीमारी है, तो हम उसके लिए ना जानें कितने टाइप के टेस्ट करवा सकते हैं. लेकिन अब आप आवाज से भी अपनी बीमारी का पता लगा सकते हैं. अब आपके दिमाग में सवाल आया होगा कि कैसे तो आइए आपको बताते हैं कि आप अब बिना किसी टेस्ट के अपनी आवाज की बीमारी का पता कैसे कर सकते हैं.
आवाज का पीच लो या फिर आवाज धीमी
एक्सपर्ट के अनुसार अगर किसी इंसान की आवाज धीमी है या फिर उसका पीच लो है, तो उसको पार्किंसन डिसीज हो सकती हैं. यह बीमारी आपकी उम्र से जुड़ी हुई है. जिससे आपके दिमाग के एक हिस्से को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचता है. साथ ही इससे इंसान के सोचनी की जो क्षमता होती है. वो कमजोर हो जाती है. वहीं अगर आपकी आवाज में भी ऐसी हो कोई दिक्कत हो रही है. तो आपको सावधान होने की जरूरत है.
आवाज भारी होना
वहीं अगर किसी की आवाज में या फिर बोलने में भारीपन आ जाएं, तो वह स्ट्रोक आने की और इशारा करता है. अगर आपको ऐसी चीजें देखने को मिल रही है, तो आपको सावधान होने की जरूरत है.
अटक कर बोलना
काफी लोग ऐसे होते है. जो कि अटककर बोलते है. लेकिन वो बचपन से ही ऐसे बोलते है, वहीं अगर आप अब अटक कर बोलते है, तो आपको सावधान होने की जरूरत है. क्योंकि ये पैरालिसिस होने के संकेत है.
गले में दर्द होना
अगर आप किसी से बात कर रहे हैं और आपके गले में दर्द हो रहा है, तो आपको वॉइस डिसऑर्डर हो सकता है. इसके अलावा इसका एक कारण और है कि आपका जो वोकल कॉर्ड है वो ठीक तरह से वाइब्रेट ना हो रहा हो.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)