Health Tests for senior citizens: बढ़ती उम्र के बाद हमारा शरीर कमजोर होने लगता है. ऐसे में अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. हमारी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है तब शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच कराना बेहद जरूरी होता है. अगर आपकी उम्र भी 60 हो गई है या उसके आसपास है तो आपको भी फटाफट ये जरूरी टेस्ट करा लेना चाहिए. इससे आपकी सेहत डाउन होने का जोखिम कम हो जाता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
डायबिटीज टेस्ट
60 की उम्र के बाद आपको टाइप 2 डायबिटीज का टेस्ट जरूर कराना चाहिए. उम्र के इस पड़ाव में इसके होने की संभावना रहती है. वृद्ध लोगों में आम है. अनियंत्रित रक्त शर्करा का स्तर हृदय रोग, नर्व डैमेज और ब्लर विज़न जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकता है. फास्टिंग शुगर टेस्ट या HbA1c टेस्ट ग्लूकोज के स्तर की निगरानी और डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है. वरिष्ठ नागरिकों को डॉक्टर को दिखाकर यह टेस्ट करवाना चाहिए.
ब्लड प्रेशर मॉनेटरिंग
अगर आपकी उम्र 60 से ज्यादा है तो हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन होने का खतरा रहता है. हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं का कारण यह हो सकता है. ऐसे में आपको रक्तचाप की नियमित जांच करनी चाहिए. बढ़ी उम्र के लोगों को डॉक्टर के परामर्श के अनुसार अपने ब्लड प्रेशर की मॉनेटरिंग करवानी चाहिए.
बॉन डेंसिटी टेस्ट
बॉन डेंसिटी टेस्ट कराना भी बेहद जरूरी होता है. ऑस्टियोपोरोसिस, एक ऐसी स्थिति जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. यह समस्या अधेड़ उम्र के लोगों में आम है, खासकर महिलाओं में. बॉन डेंसिटी टेस्ट, या DEXA स्कैन, हड्डियों की ताकत को मापता है और फ्रैक्चर के जोखिम का आकलन करता है. यह टेस्ट 65 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर दो साल में करवाना चाहिए.
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट
हाई कोलेस्ट्रॉल का स्तर हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है. लिपिड प्रोफाइल खून में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को मापता है. ऐसे में बड़ाहटी उम्र के लोगों को को डॉक्टर के अनुसार कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना चाहिए.
कैंसर की जांच
नियमित कैंसर जांच आपका जीवन बचा सकती है. वरिष्ठ नागरिकों को स्तन कैंसर के लिए मैमोग्राम, कोलोरेक्टल कैंसर के लिए कोलोनोस्कोपी और प्रोस्टेट कैंसर के लिए प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) परीक्षण जैसी जांचों पर विचार करना चाहिए.
थायराइड फंक्शन टेस्ट
60 की उम्र के बाद आपको थायराइड फंक्शन टेस्ट भी कराना चाहिए. थायराइड वजन बढ़ने या मूड में बदलाव का कारण बन सकते हैं. एक रक्त परीक्षण थायराइड हार्मोन के स्तर को माप सकता है और थायराइड से संबंधित समस्याओं को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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