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Jhansi Medical College Fire: इनक्यूबेटर में क्यों रखे जाते हैं नवजात शिशु? NICU में जान बचाने वाला उपकरण ऐसे बना काल

Jhansi Medical College Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज में 10 बच्चों के जलने का मामला, एनआईसीयू की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल, जानिए क्या है इनक्यूबेटर.

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Neha Singh
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Jhansi Medical College Fire:

Jhansi Medical College Fire

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Jhansi Medical College Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में हुए दर्दनाक हादसे के बाद पूरे देश में गम और आक्रोश का माहौल है. हर कोई घटना से हैरत में है. अग्निकांड और उसमें 10 बच्चों की दर्दनाक मौत से देशभर के लोग गमगीन हैं. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग की वजह से आग लगने की घटना होने की संभावना जताई जा रही है. बता दें कि जिन नौनिहालों ने दम तोड़ा है वो सभी  इनक्यूबेटर में थे. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिरकार ये इनक्यूबेटर होते क्या हैं और नवजात बच्चों को इनमें क्यों रखा जाता है? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से. 

क्या होता है  इनक्यूबेटर ?

इनक्यूबेटर एक उपकरण होता है. इसे इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि इसमें बच्चों को सुरक्षित, नियंत्रित स्थान दिया जा सके. जिन बच्चों की प्रीमैच्योर डिलिवरी होती है उनको इसमें रखा जाता है. क्योंकि उनके शरीर के अंग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं. इसमें बच्चों को आदर्श तापमान प्रदान किया जाता है. इसके साथ ही ऑक्सीजन, आर्द्रता और प्रकाश की सही मात्रा बच्चों की जरूरत के हिसाब से यहां दी जाती है. इसकी खासियत ये होती है हर बच्चे की जरूरत के हिसाब से इसे चेंज भी किया जा सकता है. 

नवजात शिशु को क्यों रखा जाता है नवजात शिशु इनक्यूबेटर में?

प्रीमैच्योर डिलिवरी होने पर बच्चों को बाहर के वातावरण में एडजस्ट करने में मुश्किल होती है. ऐसे में उन्हें एलर्जी, कीटाणुओं, अत्यधिक शोर और प्रकाश जैसी चीजों से सुरक्षित रखने के लिए भी उन्हें इस उपकरण में रखा जाता है.  बच्चे के तापमान और हृदय गति को भी यहां ट्रैक किया जा सकता है. बच्चे की त्वचा को बहुत अधिक पानी खोने और फटने से भी यहां बचाया जा सकता है. 

ऐसे होती है इनक्यूबेटर में निगरानी

इनक्यूबेटर सामानय आईसीयू से कुछ ज्यादा सुविधाओं वाला होता है. इसलिए इसे न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट यानी एनआईसीयू में रखा जाता है. इसमें चिकित्सक और नर्सों की ओर से लगातार बच्चों की निगरानी की जाती है. बच्चों को दवा देने, इंजनेक्शन देने या ड्रिप देने को सटीक और सरल यहां बनाया जा सकता है. 

किस तरीके का होता है इनक्यूबेटर ?

एक्सपर्ट के अनुसार इनक्यूबेटर तीन तरीके का होता है. ओपन इनक्यूबेटर, क्लोज्ड इनक्यूबेटर और ट्रांसपोर्ट इनक्यूबेटर. इसमें बच्चों को उनकी जरूरत के हिसाब से रखा जाता है. ताकि उनकी सही तरीके से देखभाल की जा सके. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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