काफी सारे लोग ऐसे होते है, जो कि अपनी जिंदगी से परेशान होकर बोल ही देते है कि बस अब तो मर ही जाएं, तो ही अच्छा लेकिन जैसे ही मौत आती है वैसे ही इंसान की रूंह कांप जाती है. वहीं ये मूवमेंट उस इंसान के साथ उसके परिवारवालों के लिए भी काफी इमोशनल मूवमेंट होता है. जब कोई व्यक्ति मौत के करीब होता है, तो कई बार उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. यह एक सामान्य और स्वाभाविक प्रतिक्रिया है. आइए आपको इसके पीछे का कारण बताते है.
हार्मोन का बदलाव
मौत के करीब पहुंचने पर शरीर में कई चीजें बदलती हैं. जैसे हार्मोन का स्तर बदलता है, दिमाग में रसायनों का संतुलन बिगड़ता है और मांसपेशियां तनाव में आती हैं. ये शारीरिक परिवर्तन मानसिक स्थिति पर भी असर डालते हैं. जब शरीर स्ट्रेस में होता है, तो ये आंसुओं को पैदा करता है. यह एक प्रकार की प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है, जो दर्द और तनाव को कम करने में मदद करती है.
जिंदगी की यादें
मरने के समय, व्यक्ति कई भावनाओं का सामना करता है, जैसे डर, शोक, निराशा, और कभी-कभी राहत भी. ये सभी भावनाएं मिलकर एक मानसिक दबाव पैदा करती हैं, जो आंसुओं के रूप में बाहर निकलती हैं. व्यक्ति अपनी जिंदगी के अनुभवों, रिश्तों और उन चीजों के बारे में सोचता है जो उसने खोई हैं या जो उसे छोड़नी हैं. यह भावनात्मक उथल-पुथल अक्सर आंसुओं के रूप में सामने आती है.
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उदासी का सामना
अधिकतर मामलों में जब कोई व्यक्ति मौत के करीब होता है, तो वह अवसाद और उदासी का सामना करता है. यह अवस्था अक्सर व्यक्ति को भावनात्मक रूप से कमजोर बना देती है, जिससे वह आसानी से रो सकता है. यह आंसू केवल शोक का प्रतीक नहीं होते, बल्कि एक तरह से भावनाएं भी बयां कर रहे होते हैं. यह बताता है कि व्यक्ति अपने अंदर चल रही भावनाओं को बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)