Worship Rules: सभी धर्मों के पूजा-पाठ से जुड़े अपने नियम-कायदे होते हैं. सभी अपनी-अपनी तरह से उन्हें फॉलो करने की कोशिश भी करते हैं. इन्हीं में एक है हमारा मंदिर या किसी भी धार्मिक स्थल पर सिर ढककर जाना. ये ऐसी जगह है जहां महिला हो या पुरुष सभी को अपने सिर ढकना होता है. अक्सर जब हम घर पर पूजा करते हैं तब भी सिर को ढका जाता है. इसके अलावा गुरुद्वारे या अन्य धार्मिक स्थलों में जाते हैं, तब भी सिर ढकना जरूरी होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धार्मिक स्थल पर या पूजा-पाठ के दौरान क्यों ढका जाता है सिर? आपका जवाब होगा कि ईश्वर के प्रति सम्मान के दृष्टिकोण की वजह से ऐसा होता है. ये तो सही बात है लेकिन इसके अलावा इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी छिपा है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
धार्मिक मान्यता
यूं तो अपने आराध्य को सम्मान देने के लिए सिर ढका जाता है. ऐसा कहा जाता है कि सिर पर कुछ न रहने से बाल पूजा सामग्री पर गिर सकते हैं. जिसकी वजह से पूजा की चीजें अशुद्ध हो जाती हैं. लोगों की मान्यता है कि भगवान अशुद्ध पूजा सामग्री को स्वीकार नहीं करते. इससे आपको पूजा का फल प्राप्त नहीं हो पाता है.
मन को एकचित करने के लिए
वहीं शास्त्रों के अनुसार, पूजा करते समय व्यक्ति का मन इधर-उधर न भटके, इसलिए भी सिर ढकने को जरूरी बताया गया है. ऐसा कहा जाता है कि बालों में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है. नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए भी सिर ढकना जरूरी होता है.
क्या है वैज्ञानिक कारण
विज्ञान के अनुसार आकाशीय विद्युतीय तरंगे खुले सिर में प्रवेश कर सकती हैं. जिनका सिर खुला रहता है उन लोगों को ये तरंगे सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं. अगर ऐसा होता है तो इन लोगों को अधिक क्रोध आता है. इनके सिर में अक्सर दर्द रहता है. इसके अलावा आंखों में परेशानी समेत कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
बालों में होती है चुम्बकीय शक्ति
हमारे बालों में चुम्बकीय शक्ति होती है. ऐसे में रोग फैलाने वाले कीटाणु आसानी से इसके सम्पर्क में आकर हमें प्रभावित कर सकते हैं. सिर ढकने से इन कीटाणुओं से भी बचाव होता है. ऐसे में व्यक्ति अगर धार्मिक स्थल पर है, जहां काफी ज्यादा लोग मौजूद रहते हैं तो उसे इस परेशानी से बचने के लिए सिर ढकना जरूरी हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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