अक्सर ऐसा कहा जाता है कि मुस्लिमों के घरों में उल्टे तवे पर रोटी बनाई जाती है. आप सोच रहे होंगे कि उल्टे तवे पर रोटी कैसे बनाते होंगे. जबकि भारत में तो हर घर में सीधे तवे पर हो रोटी बनती है. लेकिन अगर वो लोग उल्टे तवे पर रोटी बनाते है, तो वह पकती कैसे होगी. मुस्लिमों में हर चीज के लिए अलग कानून और अलग मान्यताएं है. जिसके लिए वो ना जानें क्या क्या चीजें अपनाते है. आइए आपको बताते है कि मुस्लमान लोग उल्टे तवे पर ही रोटी क्यों बनाते है.
क्या है मान्यता
एक्सपर्ट का ऐसा कहना है कि मुस्लमान के हर घरों में यह मान्यताएं फॉलों नहीं होती है. यह कुछ ही घरों में मानी जाती है. जहां पर लोग उल्टे तवे पर रोटी बनाते है. इसके अलावा उल्टे तवे पर नॉर्मल रोटी नहीं बनती है. बल्कि उन घरों में दूसरी रोटी बनती है.
कौन सी रोटी बनती है
एक्सपर्ट के मुताबिक काफी सारे घरों में उल्टे तवे पर जो रोटी बनती है, वो नॉर्मल रोटी की जगह रुमाली रोटी बनती है. जिसका साइज काफी ज्यादा बड़ा होता है. इस रोटी को कड़ाही या फिर उल्टे तवे पर ही बनाया जाता है. जिसकी वजह से रुमाली रोटी को एक्सट्रा जगह मिल जाती है.
ये है वजह
इसका कारण यह रहा होगा कि जो इस्लाम अरब कंट्री में पैदा हुआ वहां पर ईंधन की समस्या गंभीर थी. सूखी लकड़ियां मिल पाना कठिनाई से था इसलिए रोटियों को पकाने के लिए जिस तवे का इस्तेमाल किया जाता है उसे उल्टा रखा गया क्योंकि अग्नि की लपटें जब तवे के अवतल भाग में लगती है उसकी लपट पूरे तवे में फैल जाती है और अग्नि की लपट सीधे निकल जाती है इसका उद्देश्य मात्र अग्नि की ऊर्जा को अधिकाधिक उपयोग करने से ही था और उसका भी कारण ईंधन की समस्या से था. जो भी ईधन उपलब्ध था उसका सर्वाधिक उपयोग से था. इसलिए यदि आप उल्टा तवा रखते हैं तो देखेंगे कि अग्नि की लपटें पूरे तावे में नीचे फैल जाती हैं और तवा सर्वाधिक गर्म होता है. उल्टी रोटी से किसी भी धर्म का कोई ताल्लुक नहीं है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)