इस्लाम धर्म में सुन्नत का काम होता है. ऐसी मान्यता है कि मुसलमानों में दाढ़ी रखने का मतलब इस्लाम के आदर्शों का पालन करना है. वहीं लंबी दाढ़ी रखना उनके लिए ब्रह्माचार्य का प्रतीक माना जाता है. इस्लाम में दाढ़ी रखने को लेकर अलग-अलग मत है कि वह दाढ़ी रखने से आप बाकि काफिरों से अलग दिखते हैं. वहीं इस्लाम में दाढ़ी रखने को लेकर ये भी मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद के आदेशों को अमल करना हैं. वहीं इस्लाम धर्म में लोग लाल या नारंगी रंग की दाढ़ी रखते है.
लाल या नारंगी रंग क्यों
ज्यादातर मुस्लिम अपनी दाढ़ी को लाल या नारंगी रंग में कर लेते हैं. वहीं माना जाता है कि इस्लाम धर्म में लाल या नारंगी रंग की दाढ़ी की शुरुआत पैगंबर मोहम्मद ने की थी. वहीं इस्लाम धर्म में इस तरह की कोई धार्मिक मान्यता नहीं हैं. दाढ़ी को रंगने का पसंद हर किसी का अपना व्यक्तिगत फैसला हो सकता है. इस्लाम धर्म में इससे जुड़े कोई भी नियम नहीं हैं. लोग सौंदर्य के चलते अपने बालों और दाढ़ी को रंगा करते हैं.
लंबाई और रंग को लेकर
इस्लाम धर्म दाढ़ी रखने के लिए प्रोत्साहित करता है, लेकिन इसकी लंबाई और रंग को लेकर किसी भी तरह का कोई विशेष निर्देश नहीं हैं. वहीं ये कोई प्राकृतिक रंग नहीं होता बल्कि मुस्लमान मेहंदी का इस्तेमाल करके अपनी दाढ़ी का रंग बदल लेते हैं. वहीं ज्यादातर फिल्म, टीवी, सीरियल में मुस्लिम लोगों को ऐसे ही लाल दाढ़ी के साथ दिखाया जाता है. जिससे लोगों को लगता है कि वो ऐसे ही दिखते है, लेकिन ऐसा नहीं है. सारे मुस्लमान ऐसे महीं होते है. \
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)