Advertisment

आखिर पैरों में क्यों चांदी की ही पायल पहनी जाती है, सोने की नहीं, जानें इसके पीछे का रहस्य

हमारे भारत में सोने, चांदी और हीरे हर तरह के आभूषण है. वहीं काफी जगह महिलाएं इन तीनों तरह के आभूषण पहनती है. महिलाओं की सुंदरता उनके आभूषण से आती है. वहीं सोने के आभूषण सिर्फ कमर तक पहने जाते है.

author-image
Nidhi Sharma
New Update
लालबागचा राजा (1)

चांदी की पायल

Advertisment

हमारे भारत में पायल और बिछुए को सोलह श्रृंगार में माना जाता है. वहीं पैरो के जो आभूषण होते है. उनमें सिर्फ चांदी के आभूषण ही क्यों शामिल होते है. वहीं महिलाओं को सोने के आभूषण पहनने काफी पसंद होते है. लेकिन वो पायल और बिछुए हमेशा चांदी की ही पहनती है. वहीं इसके धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण है. साथ ही काफी सारे लोगों के दिमाग में ये बात तो जरूर आती ही होगी कि आखिर पैरो में चांदी की पायल ही क्यों पहनी जाती है. लेकिन इसका जवाब शायद ही किसी के पास होगा. आइए आज हम आपको इसका जवाब देते है. 

सुहाग से जुड़ा रहस्य 

वहीं महंत के अनुसार हमारी बॉडी में जो नाभि के ऊपर का हिस्सा होता है. उसे भगवान का हिस्सा माना जाता है. वहीं सोने को सूर्य और गुरु बृहस्पति का प्रतीक माना जाता है. वहीं कहा जाता है कि गुरु को क भी भी पैरों में नहीं बल्कि दिल में रखा जाता है और उसको माथे से भी लगाया जाता है. जिसकी वजह से सोने के आभूषण को हमेशा शरीर के ऊपर के हिस्से में पहना जाता है. वहीं उन्होंने आगे बताया कि महिलाओं के सोलह श्रृंगार का वर्णन हिंदू धर्म में किया गया है. जिसमें कमर के नीचे चांदी और कमर के ऊपर सोना पहनने का बात बताई गई है. वहीं पैरों में चांदी पहनने से हार्मोनल जैसी दिक्कतें दूर होती है. वहीं हिंदू धर्म में चांदी की पायल और बिछिया पहनने से सुहागिन महिलाओं के सुहाग की रक्षा होती है. 

धार्मिक कारण 

हमारे हिन्दू धर्म में सोने को हमेशा लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, जिनकी पूजा हर हिन्दू घरों में की जाती है. वहीं शरीर में मतलब कमर के उपर सोने के जेवर पहने जाते हैं. सर में, कान में, माथे पर, हाथों में और गले में पहनने के लिए सोने के जेवर ही कहा गए है. इसका मतलब साफ है कि सोने के जेवर को ऊँचा स्थान दिया गया है.बात जब पायल या बिछुए की आती है तो पैरों में सोने के पायल या बिछुए पहनने की सलाह नहीं दी जाती है. इसके पीछे कारण यही होता है कि सोना जिसे हम लक्ष्मी के रूप में पूजते हैं, वह भगवान विष्णु को भी काफी पसंद है. जो भगवान को प्रिय है, उसे पैरों में नहीं पहना जाता है. पैरों में सोने के पायल या बिछुए पहनने से भगवान का भी अपमान होता है. इन्हीं वजहों से सोने के पायल या बिछुए पैरों मे नहीं पहने जाते हैं.

वैज्ञानिक कारण

वहीं सोना एक गरम धातु होता है, और चांदी ठंडा. सर पर सोना पहनने से उसकी गर्मी पैरों तक पहुंचती है. विज्ञान के अनुसार पैरों को गरम होना चाहिए. यह गरमाहट सोने को सर पर पहनने से मिलती है.
पैरों में चांदी के जेवर पहनने से यह पैरों को ठंडक देता है और यह शरीर के ऊपरी हिस्सों में पहुंचता है.शरीर में ऊर्जा का स्तर बराबर बनाए रखने के लिए भी सोने के जेवर को शरीर के उपरी भाग और चांदी के पायल या बिछुए को पैर में पहनने की सलाह दी जाती है.

 

payal design fancy payal design anklets payal anklet significance Payal Designs anklet designs gold anklet designs silver anklets designs gold payal
Advertisment
Advertisment
Advertisment