Work Pressure: इन दिनों ज्यादातर कंपनी में वर्क प्रेशर काफी आम बात हो रकी है. कॉरपोरेट कंपनी में वर्क कल्चर और वर्क प्रेशर काफी ज्यादा चल रहा है. जिसकी वजह से हाल ही में 26 साल की महिला की मौत हो गई है. जिसके बाद से महिला की मां का एक खत सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वहीं सोशल मीडिया पर कॉरपोरेट मजदूर और कॉरपोरेट जॉब्स को लेकर कई मीम्स और रील्स वायरल होती रहती हैं. आइए आपको बताते है कि आप इससे किस तरह से बच सकते है.
वर्कप्रेशर का असर
एक्सपर्ट के अनुसार लंबे टाइम तक तनाव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर असर डालता है. जैसा कि काम से संबंधित तनाव की वजह से पुणे की एक कर्मचारी के साथ हुआ. बदलते वर्क कल्चर की वजह से काम करने का समय काफी बढ़ गया है, जिसकी वजह से तनाव का खतरा काफी बढ़ गया है. ऑफिस का वर्कप्रेशर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरीकों से प्रभाव डालता है.
दिमाग पर असर
वर्कप्रेशर की वजह से लोगों में एंग्जायटी, उदासी, नींद, डिप्रेशन जैसी जैसी दिक्कत हो रही है. इसका फोकस, डिसीजन और वर्क परफॉर्मेंस पर प्रभाव पड़ता है. लंबे समय तक तनाव में रहने की वजह से कई मानसिक स्वास्थ्य दिक्कतों की संभावना को भी बढ़ जाती है.साथ ही यह आपको इमोशनली कमजोर बनाता है, जिससे आप खुद को अकेले और कमजोर महसूस करने लगते हैं.
हेल्थ पर असर
डिप्रेशन हमारी बॉडी के "fight or flight" रिएक्शन को काफी ज्यादा ट्रिगर कर देता है. जो कि कोर्टिसोल और अन्य केमिकल को रिलीज करता है. यह कमजोर इम्युनिटी, मोटापा, हार्ट डिजीज का कारण बन सकता है. इसके अलावा डिप्रेशन से सिरदर्द, पाचन की दिक्कत, तनाव और मांसपेशियों की दिक्कत होती है.
ऐसे बचें वर्कप्रेशर से
वर्कप्रेशर को रोकने के लिए अपनी वर्किंग के घंटे तय करें. काम के बाद डिस्कनेक्ट करें और आराम करें.
जरूरी कामों पर ध्यान दें और जितना आप कर सकते हैं, उससे ज्यादा काम लेने से बचें.
डिप्रेशन को कम करने और फोकस बढ़ाने के लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन की मदद ले सकते हैं.
अगर काम की वजह से आपको बहुत ज्यादा स्ट्रेस या थकान हो रही है, तो दोस्तों, परिवारजनों और करीबियों से बात करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)