पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेड़ल जीता है, वहीं पाकिस्तान के अरशद नदीम ने गोल्ड जीता है. नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम भले ही मैदान में एक दूसरे के कॉम्पेटिटर हो. लेकिन बाहर उनकी दोस्ती की मिसालें दी जाती हैं. दोनों मैदान में भी और बाहर भी एक दूसरे का सम्मान करते है. वहीं दोनों एक दूसरे को सपोर्ट भी करते है. जहां लोग अपने ही बेस्ट फ्रेंड को धोखा दे देते है और जहां सोशल मीडिया पर आए दिन भारत- पाकिस्तान के लोग एक दूसरे को जमकर ट्रोल करते है, वहीं लोगों को नीरज और अरशद की दोस्ती से बहुत कुछ सीखना चाहिए.
मुश्किल में साथ
सच्चा दोस्त वो होता है, जो कि आपके मुश्किल टाइम में साथ दें. जब भी किसी खिलाड़ी का मुश्किल टाइम चल रहा होता है और दूसरा खिलाड़ी उसका साथ देता है. उसको हौसला देता है. जैसे नीरज और अरशद ने एक दूसरे का साथ दिया.
कॉम्पिटिशन और पर्सनल रिलेशन
अक्सर आपने देखा होगा कि कई बार बेस्ट फ्रेंड भी एक दूसरे के कॉम्पेटिटर होते है और वहीं अपने पर्सनल चीजों का बदला भी लेते है. लेकिन नीरज और अरशद ने अपने पर्सनल रिलेशन को दूर रखा और एक दूसरे को सपोर्ट करते हैं और एक दूसरे की तारीफ करते हैं.
खेल और इंसानियत
नीरज और अरशद दोनों ही अलग देशों के है और वहीं दोनों देशों में राजनीतिक तनाव है, लेकिन उससे दूर होकर उनकी दोस्ती ने यह साबित कर दिया कि रिश्ते इन सब चीजों से दूर है. उनकी दोस्ती से हम सीख सकते है कि इंसानियत और खेल के जरिए हम पॉलिटिकल डिफ को भी पार कर सकते हैं.
विनम्रता और आदर
दोनों ही खिलाड़ी काफी विनम्र और सम्मानित खिलाड़ी हैं. दोनों ने ही चाहे मैदान हो या बाहर एक दूसरे के प्रति विनम्रता और आदर दिखाया है. विनम्र और आदर से ही हर रिश्ता चलता है.