Children's day 2024: 14 नवंबर को पूरे भारत में धूमधाम से बाल दिवस मनाया जाएगा. इस दिन स्कूल से लेकर कॉलेज में हर जगह-जगह प्रोग्राम होते हैं. बच्चे से लेकर बड़े लोग तक प्रोग्राम में स्पीच देकर सभी को सीख देने की कोशिश भी करते हैं. ऐसे में अगर आप भी कहीं स्पीच देने का सोच रहे हैं या फिर आपके घर में कोई छोटा बच्चा है जिसे आपको स्पीच तैयार करवानी है तो आप इस आर्टिकल की मदद ले सकते हैं. यहां हम आपके लिए कुछ चिल्ड्रेन डे स्पीच आइडियाज लेकर आए हैं.
ऐसे करें शुरुआत
स्पीच की शुरुआत सभी आदरणीय मेहमानों और सज्जनों को नमन करके करें. इसके लिए आप आदरणीय प्रधानाचार्य या चीफ गेस्ट के नाम से कर सकते हैं. इसके बाद ही स्पीच की शुरुआत करें.
1. बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं. आप सभी छोटे-छोटे सितारे हैं, जो आसमान में चमकते हैं और आज इसी चमक को और ज्यादा निखारने के लिए हम यहां इकठ्ठा हुए हैं. आप सभी के मन में बड़े-बड़े सपने होंगे. याद रखिए कि सपने हमेशा पूरे होते हैं, बस मेहनत और लग्न के साथ उनके लिए काम करने की जरूरत होती है. आज हम आप सभी को शुभकामनाएं देते हैं कि आपके सपने पूरे हों.
2. बच्चों, पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होती है. पढ़ाई का मतलब है नई चीजें सीखना, नए अनुभव हासिल करना और हर दिन खुद को बेहतर बनाने के लिए मेहनत करना. आज बाल दिवस के मौके पर हम आप सभी को हर दिन बेहतर बनने के लिए प्रेरित करते हैं.
बाल दिवस पर भाषण (Bal Diwas par Bhashan)
Ideas for childrens day speech
अगर आप बाल दिवस पर भाषण की तैयार कर रही हैं, तो यहां बच्चों के साथ जुड़ने वाली स्पीच के उदाहरण बताए जा रहे हैं.
1. आज हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन है. वह एक महान लेखक थे. इसके साथ ही वो एक इतिहासकार भी थे. उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. नेहरू जी को बच्चे बहुत पसंद थे. उस समय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे. इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है.
2. बच्चे देश का भविष्य होते हैं. बच्चे ही घर, समाज और दुनिया को खुशहाल बनाना की ताकत रखते हैं. बच्चों की एक मुस्कान किसी भी मुश्किल हालात को आसान बना सकती है. इतना ही नहीं, बच्चों की जिज्ञासा की वजह से हम भी हर दिन नया सीखने के लिए प्रेरित होते हैं. बच्चों की कल्पना ही हमें भी एक नई दुनिया की सैर कराती है.
3. आज हम सभी बच्चों की रंग-बिरंगी दुनिया की सैर करने के लिए इकठ्ठा हुए हैं. जिस तरह से इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं, वैसे ही बच्चों के मन में भी अनेक सपने होते हैं. एक दिन वह अंतरिक्ष यात्री बनना चाहते हैं, एक दिन डॉक्टर, तो कभी टीचर बनने की बात करते हैं. लेकिन, आज मैं आप सभी बच्चों से कहना चाहूंगी कि बचपन खेलने-कूदने और मस्ती करने का समय है. इस खूबसूरत उम्र का पूरी तरह से लुत्फ उठाना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
यह भी पढ़ें: नेहरू की मौत से पहले ही मनाया जाने लगा था बाल दिवस, जानिए कैसे हुई शुरुआत?