दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक यूपीएससी (UPSC) कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से बीते सप्ताह हुई तीन छात्रों की मौत के बाद भोपाल प्रशासन भी हरकत में आ गया है. जिला प्रशासन एक्शन मोड में है. भोपाल के डीएम कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने निगम कमिश्नर, एसडीएम और तहसीलदारों को बेसमेंट से संचालित कोचिंग संस्थानों की जांच करने के आदेश दिए हैं. इसके बाद सुबह से ही एक के बाद एक बेसमेंट में चल रहे आठ से ज्यादा कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई की गई.
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भोपाल करीब 8 से अधिक संस्थान सील
दिल्ली में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी जिला प्रशासन अलर्ट दिखाई दे रहा है. भोपाल का एमपी नगर कोचिंग हब बन चुका है. यहां पर सैंकड़ों की तादात में कोचिंग संचालित हो रही हैं. इसमें से कई ऐसी कोचिंग सेंटर हैं जो बेसमेंट में चलाए जा रहे थे. जिला प्रशासन की टीम के साथ सुबह से ही ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है. भोपाल करीब 8 से ज्यादा एमपी नगर में संचालित बेसमेंट में कोचिंग संस्थान को सील किया गया.
बिजली के तार खुले दिखाई दे रहे थे
जिला प्रशासन की टीम करीब 2 बजे के करीब एमपी नगर जॉन 2 में संचालित दुर्रानी कोचिंग पहुंची. यहां की तस्वीर इतनी भयावह थी कि दिल्ली हादसे की याद आ गई. कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी नीचे थी और बच्चे यहां पर लाइब्रेरी में किताब पढ़ते हुए घंटों समय बिताते हैं. यहां बिजली के तार खुले दिखाई दे रहे थे आलम ये था कि तेज बारिश के बाद अगर बेसमेंट में भरता है तो बिजली के करंट से बड़ी अनहोनी हो सकती है.
गुरुकृपा कोचिंग में फायर एनओसी नहीं था
नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर अचानक गोपालपुरा बाइपास स्थित कोचिंग सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचीं. यहां पर कमी मिलने पर दो कोचिंग कलाम और गुरुकृपा को सीज किया गया. गुरुकृपा कोचिंग में फायर एनओसी नहीं था. इसके कारण उसे सीज किया गया. वहीं कलाम कोचिंग सेंटर को क्षमता से अधिक स्टूडेंट्स क्लास में बैठाने और आपातकालीन स्थिति में एग्जिट गेट न होने को आधार बनाकर उसे सीज किया गया. दोनों कोचिंग सेंटर पर अब ताला जड़ा गया है. वहीं नोटिस चस्पा कर दिये गए है.