साइंस और टेक्नोलॉजिकल प्रोसेस ने जहां आज हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है, वहीं अब एक नई दिशा में मानवता को बदलने की क्षमता दिखाई दे रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अब उन लोगों का डिजिटल अवतार बनाने में सक्षम है, जो इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. यह तकनीक न केवल उनके सजीव चित्रों या वीडियो को फिर से जीवित करती है, बल्कि उनके व्यक्तित्व और जीवन के अनुभवों को भी डिजिटली संरक्षित कर सकती है.
यह कैसे काम करता है?
इस तकनीक का आधार एआई और मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म पर आधारित है, जिसमें मृत व्यक्ति की आवाज, चेहरे के हाव-भाव, बोलने की शैली, और अन्य व्यवहारों का डेटा एकत्रित कर उसकी सटीक प्रतिकृति तैयार की जाती है. इसके लिए वीडियो, ऑडियो, और टेक्स्ट के माध्यम से जानकारी जुटाई जाती है. उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति के पास सोशल मीडिया प्रोफाइल, पुरानी रिकॉर्डिंग, या उसकी बातचीत के उदाहरण हैं, तो एआई उन सभी स्रोतों का उपयोग कर व्यक्ति का एक डिजिटल रूप तैयार कर सकता है, जिससे वह व्यक्ति वर्चुअल रूप में 'जीवित' दिखाई दे सकता है.
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मरे हुए लोगों से कर सकते हैं बात
तकनीक के समर्थक मानते हैं कि यह उन लोगों के लिए एक अनमोल तोहफा है जो अपने प्रियजनों को खो चुके हैं. डिजिटल अवतार के माध्यम से परिवार के लोग उनसे संवाद कर सकते हैं, उनकी यादों को ताजा कर सकते हैं, और भावनात्मक रूप से उन्हें करीब महसूस कर सकते हैं. यह न केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, बल्कि इतिहासकारों और शिक्षाविदों के लिए भी उपयोगी हो सकता है, जो अतीत के महान व्यक्तियों की डिजिटल प्रतिकृति बनाकर उनके विचारों और आदर्शों को फिर से जीवित कर सकते हैं.
अमेरिकी कंपनी कर रही हैं काम
बता दें कि इस प्रोजेक्ट पर अमेरिकी बेस्ड एआई कंपनी स्टोरीफाइल एक सर्विस देती है, जिसमें व्यक्ति अपनी मृत्यु से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड करता है और इस वीडियो में वह अपनी मृत्यु के बाद जो भी कहना चाहता है उसे रिकॉर्ड किया जाता है. यह कंपनी कंपनी मौत के बाद परिवार वालों को वीडियो सौंपती है.