हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि पहाड़ों में भूत होते हैं. वे इंसानों पर हमला करते हैं. वे इंसानों के ऊपर नजर रखते हैं. आप अपने किसी पहाड़ी मित्र से भी पूछेंगे तो वे इनकार नहीं करेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हम वाकई पहाड़ों पर भूत रहते हैं, जो लोगों को देखते हैं. आज हम इस खबर में जानेंगे कि क्या सच में भूत होते हैं या यह सिर्फ एक कहानी है. भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में भूतों और आत्माओं की कहानियां सदियों से लोककथाओं और स्थानीय मान्यताओं का हिस्सा रही हैं. ये कहानियां रहस्यमय, डरावनी और रोमांचक होती हैं, और अक्सर पर्यटकों और साहसिक यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र होती हैं.
भूतों की कहानियों का इतिहास
भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में भूतों की कहानियां प्राचीन काल से ही प्रचलित हैं. हिमालय, अरावली, नीलगिरि, और सतपुड़ा जैसे पर्वत श्रृंखलाओं में अनेक लोककथाएं सुनाई जाती हैं. इन कहानियों में कुछ प्रसिद्ध भूतिया स्थान और घटनाएं शामिल हैं. मसूरी के इस पुराने अस्पताल में कई लोगों ने रहस्यमय घटनाओं का अनुभव किया है. स्थानीय लोग मानते हैं कि यहां आत्माओं का वास है, जो अपनी अनसुलझी कहानियों के कारण भटकती हैं.
हिमाचल की पहाड़ियों पर हैं भूतों का डेरा
शिमला का छोटा शिमला क्षेत्र, यहां की सड़कें और जंगल कई कहानियों का हिस्सा रहे हैं, जहां लोगों ने रात में अजीब घटनाओं का सामना किया है. वहीं, भूतिया बंगला नैनीताल की कहानी डरावनी है. नैनीताल के इस बंगले में लोगों ने आत्माओं की गतिविधियों का अनुभव किया है. यह बंगला कई सालों से वीरान पड़ा है और यहां की कहानियां स्थानीय लोगों में काफी चर्चित हैं.
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भूतों को लेकर साइंस क्या कहता है?
विज्ञान के अनुसार, भूतों का अस्तित्व प्रमाणित नहीं है कई बार मानसिक स्थिति, वातावरण, और सांस्कृतिक मान्यताएं मिलकर ऐसी घटनाओं को जन्म देती हैं. मानसिक स्थिति और डर का प्रभाव लोगों को ऐसी चीजें देखने या महसूस करने पर मजबूर कर सकता है जो वास्तव में नहीं होती. पहाड़ी क्षेत्रों में ऊंचाई, ठंडा मौसम और ऑक्सीजन की कमी भी लोगों में भ्रम पैदा कर सकती है.