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बाइक, और कार नहीं, इस शख्स ने रेंट पर लिया बैल, किराया सुनकर रह जाएंगे दंग

रभड़ा गांव के एक पशुपालक और चरवाहे, प्रदीपभाई परमार ने इस अनूठी सेवा की शुरुआत की है, जिसमें वह अपने नंदी और गायों को किराए पर देते हैं. इस बैल की काफी डिमांड भी है.

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Priya Gupta
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amreli nandi

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गुजरात के दामनगर तालुका के रभड़ा गांव में एक बेहद अनोखा और दिलचस्प व्यवसाय शुरू हुआ है, जहां लोग न सिर्फ घर, गाड़ी, और शादी के कपड़े किराए पर ले सकते हैं, बल्कि अब बैल भी किराए पर मिलते हैं. यह सुनकर आपको हैरानी हो सकती है, लेकिन यह सच है. रभड़ा गांव के एक पशुपालक और चरवाहे, प्रदीपभाई परमार ने इस अनूठी सेवा की शुरुआत की है, जिसमें वह अपने नंदी और गायों को किराए पर देते हैं.

प्रदीपभाई का व्यवसाय

प्रदीपभाई परमार ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है, लेकिन उनका मेन पेशा वंशानुगत रूप से पशुपालन है. वह लंबे समय से गायों और बैल (नंदी) का पालन और व्यापार कर रहे हैं. उनके पास गिर नस्ल की 35 गायें और 2 नंदी हैं, जिनका वह व्यवसायिक तौर पर पालन करते हैं और बेचते भी हैं. उनका सबसे खास नंदी "कोहिनूर" है, जो न केवल उनकी संपत्ति है, बल्कि अब एक बड़ी इनकम का साधन भी बन चुका है.

कोहिनूर नंदी की विशेषता

प्रदीपभाई के पास जो नंदी है, उसका नाम "कोहिनूर" है, और यह एक खास गिर नस्ल के नंदी गोपाल का वंशज है. गोपाल नंदी पूरे भारत में फेमस है और उसकी काली चमड़ी को बहुत आकर्षक माना जाता है. इसी वंश का होने के कारण, कोहिनूर भी बेहद खास है और इसे पूरे क्षेत्र में पहचान मिली है. कोहिनूर को प्रदीपभाई ने राणपुर के एक पशुपालक से 4 लाख रुपये में खरीदा था. अब इसे गांधीनगर के पास एक गौशाला में किराए पर रखा गया है, जहां इसका चार महीने का किराया 8.51 लाख रुपये तय किया गया है.

कोहिनूर की देखभाल इतनी भी आसान नहीं

कोहिनूर नंदी की देखभाल पर प्रदीपभाई खास ध्यान देते हैं. वह रोजाना इसे 20 किलो चारा देते हैं, जिसमें 13 किलो हरा चारा और 7 किलो सूखा चारा शामिल होता है. इसके अलावा, कोहिनूर को 6 से 7 किलो घी और 1 लीटर शुद्ध मूंगफली का तेल भी दिया जाता है. इस खास देखभाल की वजह से नंदी की सेहत शानदार रहती है, और इसकी देखभाल पर हर दिन करीब 2500 रुपये खर्च होते हैं.

नंदी का प्रजनन और व्यापार

कोहिनूर नंदी केवल गायों के प्रजनन में मदद ही नहीं करता, बल्कि इसके कारण कई गायों ने बछिया को जन्म भी दिया है. इसका काला रंग और गिर नस्ल का विशेष गुण, क्षेत्र में इसे बहुत सम्मान दिलाता है. प्रदीपभाई इस नंदी को किराए पर देकर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. उनका व्यवसाय अब तेजी से बढ़ रहा है, और लोग न केवल गायों के लिए, बल्कि नंदी के लिए भी उनसे संपर्क कर रहे हैं.

व्यवसाय की नई दिशा

अमरेली जिले में प्रदीपभाई का यह बिजनेस एक नई दिशा में बढ़ रहा है. उनके पास गायों का पालन और व्यापार तो है ही, अब नंदी किराए पर देने का यह अनोखा काम भी उन्हें एक्स्ट्रा आय दिला रहा है. प्रदीपभाई का यह व्यवसाय केवल पशुपालन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा प्रयोग है जो लोगों को एक अजीब लेकिन लाभकारी सेवा प्रदान कर रहा है.

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