भानगढ़ किले को देश की सबसे भूतिया जगह कहा जाता है. यह किला जयपुर से 118 किमी दूर है. 17वीं शताब्दी में इस किले का निर्माण आमेर के मुगल सेनापति मानसिंह के छोटे भाई राजा माधोसिंह ने करवाया था. वहीं अब यहां सुंदर हवेलियां, मंदिर और बाजार खंडहर बन गए है. यहां शाम होने के बाद कोई भी आदमी नहीं जाता है. वहीं आपको यहां जानें के लिए टिकट लेनी पड़ेगी. इस किले की जो डरावनी चीज है वो है कि इसकी दीवार है, लेकिन इसकी छत नहीं है. वहीं यहां के घरों की भी छत नहीं है. लोगों का दावा है कि यहां जब भी दिवार बनाते है वह गिर जाती है. कहां जाता है कि इस जगह को बालूनाथ का श्राप है.
क्या है बालूनाथ की कहानी
भानगढ़ के महाराज माधोसिंह एक संत बालूनाथ के भक्त थे. बालूनाथ ने तपस्या करने के लिए महाराज से एक गुफा बनाने की मांग की. जिसके बाद महाराज तुरंत ही तैयार हो गए और उन्होंने एक गुफा बनवा दी. बालूनाथ उस गुफा में तपस्या करने चले गए. वहीं दरबार के पुजारी महाराज और संत बालूनाथ के बीच रिश्ते को देखकर जलने लगे और दोनों को अलग करने के लिए पुजारियों ने एक योजना बनाई. उन्होंने एक बिल्ली को मारकर गुफा के अंदर फेंक दिया. दो-तीन दिन बाद जब बिल्ली के मृत शरीर से बदबू फैलने लगी, तो पुजारियों ने राजा को जानकारी दी कि संत बालूनाथ गुफा में ही मर गया है. जिसके बाद महाराज ने उस गुफा को बंद करवा दिया. इस वजह से बालूनाथ ने भानगढ़ को श्राप दे दिया और उस दिन से आज तक भानगढ़ के घरों की दिवारें नहीं टिकती है.
राजकुमारी की कहानी
राजकुमारी रत्नावती जो यहां काफी प्रचलित है. कहते हैं कि रत्नावती इतनी सुंदर थी कि उसकी चर्चा पूरे राजपूताना में होती थी और हर राजकुमार उनकी सुंदरता का दिवाना था. वहीं एक तांत्रिक भी था, जो राजकुमारी से शादी करना चाहता था. जिसके बाद उसने राजकुमारी को फसाने के लिए एक तेल बनाया. जिस वजह से राजुकमारी उसकी बातों में आ गई. जिसके बाद राजकुमारी ने उस तेल की शीशी को एक पत्थर पर फेंक दिया. कहते हैं कि इसके बाद वह पत्थर एक बड़ी शिला में बदल गया और सीधे तांत्रिक के ऊपर जा गिरा. मरने से पहले उस तांत्रिक ने भानगढ़ के तबाह होने और इसके परिसर में किसी के भी न रह पाने का श्राप दे दिया था. स्थानीय लोग बताते हैं कि इसके बाद एक तूफान आया और भानगढ़ पूरी तरह से तबाह हो गया. कुछ लोगों का कहना है कि मुगल सेना ने राज्य पर जोरदार हमला किया था. इस दौरान किले को काफी नुकसान हुआ और राजकुमारी रत्नावती सहित किले में मौजूद लोगों का कत्ल कर दिया था. वहीं आज तक ये किसी को नहीं पता कि राजकुमारी किसकी पत्नी थी, किसकी बेटी थी.
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औरत के चिल्लाने और रोने की आवाज
वहीं लोगों का कहना है कि आज भी वहीं औरत के चिल्लाने, चूड़ियां तोड़ने और रोने की आवाजें सुनाई देती हैं, तो कुछ लोगों का कहना है कि किले की दीवारों पर कान लगाने से आत्माओं की आवाजें भी सुनाई देती हैं. कुछ लोगों का मानना है कि किले में घूमने के दौरान ऐसा लगता है, जैसे कोई साया उनका पीछा कर रहा हो. अलवर की पहाड़ी पर बने इस किले में घूमने आने वालों की कोई कमी नहीं है. अगर आप भी इस बात को महसूस करना चाहते हैं या आपको लगता है ये मनगढ़ंत बाते हैं, तो इसका पता लगाने के लिए आपको भानगढ़ आना होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)