Indian Flag Rules: 26 जनवरी 2002 को इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन किया गया और उसके बाद आम नागरिक को किसी भी दिन तिरंगा फहराने की आजादी मिली. इससे पहले ये अधिकार सिर्फ गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ही दिया जाता था. वहीं इस बार भी हर घर तिरंगा अभियान से जुड़ने की लोगों से अपील की गई है. यह अभियान पिछले साल भी चलाया गया था, जिसमें लोगों को अपने घर की छत या बालकनी में तिरंगा लगाकर उसके साथ सेल्फी लेने का आग्रह किया गया था. इस बार भी यही अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया जा रहा है.
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तिरंगा के अपमान पर सजा का प्रावधान
अब बात करें सजा की तो राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के अपमान पर सजा का प्रावधान है. झंडे को जमीन पर रखना उल्टा या मैला कुचला ध्वज लहराना राष्ट्रीय ध्वज का मान माना जाता है. राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा दो में भारतीय राष्ट्रीय प्रतिकों जैसे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रीय गान के अपमान को रोकने के मकसद से सजा का प्रविधान किया गया है. इसके अनुसार जो व्यक्ति तिरंगे का अपमान करेगा उसे 3 साल तक की जेल या जुर्माना या फिर दोनों सजाए हो सकती है.
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घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय इन बातों का रखे ध्यान
भारतीय झंडा संहिता के अनुच्छेद 2.2 के अनुसार कोई भी आम नागरिक अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है. हालांकि जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित होता है तो उसे सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए. नियमों के मुताबिक जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया जाए. तो उसे पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए. उसे उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए. यानी कि ध्वज को जमीन पर या गंदी जगहों पर नहीं रखा जाना चाहिए. इसके अलावा फटा या मैला कुचला ध्वज प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए. भारत सरकार ने 26 जनवरी 2002 को तिरंगे को फहराने और इस्तेमाल करने को लेकर एक कानून बनाया था.
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कानून में जानें क्या है प्रविधान
इससे पहले मशीन या पोलस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज को फैलाने की अनुमति नहीं थी, लेकिन दिसंबर 2022 में इसकी अनुमति दे दी गई. अब हाथ या मशीन से बने कॉटन, पॉलिस्टर, ऊनी, रेशमी, खादी से बने तिरंगे को घर पर भी फहराया जा सकेगा. इसके बाद हर घर तिरंगा अभियान के तहत सरकार ने 20 जुलाई 2022 को इस कानून में फिर संसोधन किया. इस बार सरकार ने तिरंगे को किसी भी समय फहराने की अनुमति दी है. अब इसे दिन रात 24 घंटे फहराया जा सकेगा. पहले तिरंगे को सूर्योदय से सूर्य अस्त तक ही फेरने की अनुमति थी.