महज़ 10 साल की उम्र में निरालांबा चक्रासन का कठिन प्रशिक्षण लेकर विश्व रिकॉर्ड तोड़ने की चाहत किसी के दिल मे हो तो इसे उसका हुनर ही कहा जायेगा. रिया पलड़िया भी इसी प्रतिभा का एक उदाहरण हैं जो निरालांबा चक्रासन में विश्व रिकॉर्ड तोड़ने के कगार पर खड़ी हैं. कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, हलद्वानी गौलापार की 10 वर्षीय रिया ने इस कहावत को सही ठहरा दिया है. निरालांबा चक्रासन को जब वह 1 मिनट में 25 बार करती हैं तो देखने वाले भी अचम्भित रह जाते हैं.
बता दें कि अभी तक यह रिकॉर्ड दक्षिण भारत की खुशी के नाम है जो इस आसन को 1 मिनट में 15 बार कर लेती हैं. रिया हलद्वानी के एक निजी स्कूल में 5वी कक्षा की स्टूडेंट हैं. वे बचपन से ही योगा, जिम्नास्टिक की शौकीन रही हैं. अपने सपने को पूरा करने के लिए रिया रोज करीब 15 किलोमीटर का सफर तय करती हैं, जिसमें उनके माता पिता उनका पूरा साथ दे रहे हैं. अपनी इस कामयाबी पर रिया काफी खुश हैं.
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बच्चे कामयाबी के शिखर पर खड़े हों तो माता पिता के लिये इससे बड़ी खुशीऔर क्या हो सकती है? रिया के पिता नवीन और मां हेमा की आंखों में खुशी के आंसू आ जाते हैं. जब भी मासूम रिया की कामयाबी का जिक्र होता है तो उनकी आंखें भर आती हैं. बस उनका सपना यही है कि रिया जल्द से जल्द ये विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लें. रिया की इस कामयाबी में पूरा साथ उनके मास्टर ट्रेनर ने दिया.
ट्रेनर अमित के मुताबिक रिया शुरू से ही जिम्नास्टिक और योगा आदि की शौकीन रही हैं. लिहाजा उन्हें इसे सीखने में कोई खास दिक्कत सामने नहीं आई. जिसका परिणाम यह है कि आज वे निरालांबा चक्रासन के जरिये विश्व रिकॉर्ड तोड़ने वाली हैं. जिस उम्र में बच्चे खेलने-कूदने में मस्त रहते हैं, उस उम्र में रिया ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है. रिया के इस कारनामे पर यकीन कर पाना बहुत मुश्किल है.
Source : News Nation Bureau