हम सभी चाहते हैं कि हमारे घर कॉकरोच, मच्छर, मक्खी, चूहों, छिपकली, मकड़ी आदि छोटे-जीवों से मुक्त रहें. कई बार देखा जाता है कि तमाम कोशिशों के बावजूद ये जीव बड़े स्तर पर हमारे घरों में घुसपैठ जारी रखते हैं, जिसकी वजह से हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में हमें कीटनाशक दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है. ये दवाइयां केवल इन जीवों के लिए ही नहीं बल्कि हम मनुष्यों के लिए भी काफी खतरनाक होती है.
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ऐसी दवाइयों पर साफतौर पर चेतावनी लिखी होती है, ''बच्चों की पहुंच से दूर रखें.'' लेकिन फिर भी कई बार ऐसे मामले देखने को मिलते हैं कि घर वालों की लापरवाही की वजह से ऐसी खतरनाक दवाइयां बच्चों को मिल जाती है. इसी कड़ी में तमिलनाडु के कोयंबटूर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 10 साल के बच्चे ने चूहे मारने वाली दवा को चॉकलेट समझकर खा लिया. चूहे मारने वाली दवा खाने की वजह से सोमवार को बच्चे की मौत हो गई.
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पूरा मामला कोयंबटूर के तेलुंगुपलायम का बताया जा रहा है. बच्चे का नाम मुथुसेल्वन था, जो 5वीं कक्षा का छात्र था. पूरे मामले में पुलिस ने बताया कि मुथुसेल्वन अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था, तभी उसकी नजर चूहे मारने वाली दवा पर जा पड़ी. बच्चे ने दवाई को चॉकलेट समझकर खा लिया. जिसके थोड़ी ही देर में वह बेहोश होकर गिर पड़ा और उसके मुंह से झाग निकलने लगा.
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मुथुसेल्वन की ऐसी हालत देखकर उसके दोस्त घबरा गए और तुरंत उसके घर वालों को सूचना दी. परिजनों ने बच्चे को तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन डॉक्टरों की सभी कोशिशें नाकाम रहीं और बच्चे ने इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया. इस हादसे ने एक बच्चे की जान तो ले ली, लेकिन ये कई परिवारों के लिए एक सबक भी है ताकि वे ऐसी कीटनाशक दवाइयों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो