हमीरपुर: ना खाने-पीने का परहेज, ना आंखों की रोशनी में कोई कमी और ना चलने फिरने में कोई दिक्कत... ऐसी है उत्तर प्रदेश के हमीरपुर शहर में रहने वाली 101 साल की यशोदा. मां, दादी, परदादी बन चुकी यशोदा आज भी अपने घर के सभी बड़े फैसले खुद लेती हैं. घर का कोई भी काम उनकी सलाह के बिना नहीं होता. संयुक्त परिवार में रहने वाली परदादी घर के छोटे-छोटे बच्चों के बीच दिन भर मस्त रहती हैं. निरोगी काया हो तो लंबा जीवन जीने में आनंद आता है. हम अपनी इस भागदौड़ से भरी ज़िंदगी में जब पलटकर देखते हैं तो हमने सबसे ज्यादा नुकसान अपने शरीर का ही किया होता है. अगर आप कुछ नियमों के साथ अपना जीवन जिएं तो आप भी निरोग रह सकते हैं. यूपी की सबसे बुजुर्ग महिला यशोदा इस बात की मिसाल हैं. आइए जानते हैं यशोदा इतना हेल्दी रहने के लिए कौन सा योगासन करती हैं.
इस उम्र में यशोदा की दिनचर्या के बारे में जानें
101 साल की उम्र में लोगों को किसी ना किसी सहारे की जरूरत तो होती ही है लेकिन हमीरपुर की रहने वाली यशोदा उम्र के इस पड़ाव में भी बिना किसी के सहारे अपने सारे काम करती हैं. सुबह जल्दी उठकर वो सबसे पहले नहाने जाती हैं. उसके बाद वो नियम से पूजा करने के बाद 15 मिनट योगासन करती हैं. और उसके बाद अपना नाश्ता करती हैं.
101 साल की उम्र में क्या खाती हैं यशोदा
उम्र के साथ-साथ कई परहेज भी होते हैं ऐसे में जब यशोदा जी की उम्र को ध्यान में रखकर उनके खाने-पीने के बारे में हमने जानना चाह तो पता चला कि उन्हें खाने पीने में कोई परहेज नहीं है और वो घर के अन्य सदस्यों की तरह वो सब खाती हैं जो घर में बना होता है. नमक, चीनी, मिर्च मसाला, तेल, घी जैसी किसी भी चीज़ से उन्हें कोई परहेज नहीं हैं. वो इस उम्र को अपने घर में जी रहे सबसे छोटे सदस्य की तरह ही पूरी तरह से जीती हैं और खुश रहती हैं. यशोदा हर रोज़ गाय का दूध जरूर पीती हैं, और हम सब गाय के दूध के फायदों के बारे में तो जानते ही हैं.
कौन सा योगासन करती हैं 101 साल की यशोदा
101 बसंद देख चुकी भारत की सबसे हेल्दी अम्मा प्राणायाम से अपने दिन की शुरुआत करती हैं. यूपी की परदादी मां अपने घर के सदस्यों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए मिसाल है. हमीरपुर जिले के जरिया थाना क्षेत्र के इटैलिया बाजा गांव निवासी यशोदा देवी अपने बड़े बेटे देवी चरण मिश्रा एडवोकेट के साथ हमीरपुर शहर के पटकाना मुहाल में रहती है. योगासन करने के कारण उन्हें ना चलने फिरने में कोई दिक्कत होती है ना बातचीत करने में. वो इस उम्र में भी अपने सारे काम खुद ही करती हैं. आंखों की रोशनी से लेकर सुनने और बोलने की क्षमता में किसी तरह की कोई कमी नहीं है.
इनके बेटे का कहना है कि 22 साल पहले पिता के निधन के बाद उनकी मां अकेला महसूस करने लगी थी फिर 20 साल पहले उन्होने योग का सहारा लिया और यही वजह है कि वो आज भी अपना जीवन भरपूर स्वस्थ और निरोग जी पा रही हैं.
तो आप भी हमीरपुरी की परदादी मां की तरह बढ़ती उम्र में निरोगी काया पाना चाहते हैं तो आज से ही योग करना शुरु करें.
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Source : News Nation Bureau