लंबे इंतजार के बाद किसी जीच के मिलने की क्या खुशी होती है. इसकी एक बानगी बिहार के अररिया जिले के नरपतगंज रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला. यहां जब 14 साल बाद जब रेलवे स्टेशन से रेल गाड़ी के इंजन से सीटी की आज आई तो इलाके के लोगों में कौतूहल मच गया. दूर-दूर से लोग यहां इंजन को देखने के लिए पहुंच गए. यह नजारा बेहद ही भावुक था. खुशी से झूम रहे लोगों ने लोको पायलट को फूलों की माला पहना कर न सिर्फ स्वागत किया, बल्कि उसे फूलों से लाद दिया.
दरअसल, 18 अगस्त 2008 को नेपाल से आने वाली कोसी नदी पर बना पूर्वोत्तर तटबंध कुसहा गांव के नजदीक टूट गया था. इसके बाद पूरे इलाके में भारी तबाही मची थी. जानमाल के नुकसान के साथ ही आवागमन व्यवस्था भी पूरी तरह ठप्प हो गया था. कुशहा त्रासदी का असर फारबिसगंज-सहरसा रेलखंड पर भी पड़ा था. इस दौरान, फारबिसगंज से लेकर नरपतगंज होते हुए प्रतापगंज आदि क्षेत्रों में कई जगहों पर रेलवे के बुनियादी ढांचे तहस-नहस हो गए. इसके बाद इस मार्ग पर ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया था. 14 साल बाद जब नरपतगंज स्टेशन पर ट्रायल इंजन पहली पहुंचा तो इंजन की सीटी की आवाज सुनकर इलाके लोग स्टेशन की ओर दौड़ पड़े. इस दौरान बड़ी संख्या में आसपास के इलाके से लोग रेलवे स्टेशन पर ट्रेन देखने के लिए पहुंचे. इन लोगों ने देखा कि स्टेशन पर सिर्फ इंजन लगा है, जो ट्रायल रन के लिए आया है. इस दौरान इंजन में बैठे ट्रेन के लोको पायलट का लोगों ने फूल मालाओं से स्वागत किया. अपने इलाके में फिर से रेल सेवा बहाल होने की खुशी से झूम रहे लोग इंजन पर चढ़कर सेल्फी लेते देखे गए.
ये भी पढ़ेंः बिहार के दरभंगा में पत्नी को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के आरोप में पति गिरफ्तार
जल्द शुरू होगी रेल सेवा
रेलवे से जुड़े अफसरों का कहना है कि पहले चरण में ललित ग्राम से नरपतगंज तक का काम अप्रैल 2022 तक पूरा हो जाएगा. वहीं, दूसरे चरण में फारबिसगंज तक रेल परिचालन का काम दिसंबर 2022 तक शुरू होने की संभावना है. गौरतलब है कि एक वर्ष पहले ही रायपुर से सहरसा और रामपुर से ललित ग्राम तक रेलखंड पर इंजन का ट्रायल 8 महीने पहले 27 अगस्त 21 को ही शुरू कर दिया गया था. अब ललित ग्राम से फारबिसगंज तक रेल खंड पर रेल परिचालन को लेकर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है.
कारोबार और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू होने से इलाके के फारबिसगंज से चकरदाहा हाल्ट, देवीगंज, नरपतगंज, छातापुर हांल्ट, ललित ग्राम और राघोपुर से सहरसा का सीधा संपर्क फिर से जुड़ जाएगा. इस रेलखंड के फिर से शुरू होने की संभावना से इलाके के व्यापारियों, छोटे दुकानदारों और किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. उन्हें उम्मीद है कि यह रूट फिर से चालू होने से माल लाने और ले जाने में सहूलियत होगी, जिससे उनका व्यापार बढ़ेगा.
HIGHLIGHTS
- 14 वर्ष हले बाढ़ से ध्वस्त हो गया था रेलवे का ढांचा
- इलके में फिर से रेल सेवा शुरू की बढ़ी उम्मीद
- व्यापारियों और किसानों के खिले चेहरे