Advertisment

साइकिलिंग में आदिल तेली ने गिनीज बुक में दर्ज कराया नाम, जानें उनकी उपलब्धि के बारे में

आदिल इस साल 22 मार्च को सुबह करीब साढ़े सात बजे श्रीनगर के लाल चौक के प्रतिष्ठित घंटा घर से अपनी यात्रा शुरू की और 30 मार्च को सुबह करीब नौ बजे कन्याकुमारी पहुंचे. इस तरह वो गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा लिये.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
adil teli

आदिल तेली ( Photo Credit : @imAdilteli)

Advertisment

कहते हैं अगर किसी चीज को कर गुजरने का जुनून हो तो मंजिल मिल ही जाती है. चलिए ऐसे ही एक जुनूनी शख्सियत से मिलते हैं जिसने अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ( Guinness Book ) में दर्ज कर लिया. आदिल तेली वो नाम है जिसने 3,600 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय की वो भी महज 8 दिन, एक घंटे और 37 मिनट में. कश्मीर से कन्याकुमारी तक सबसे तेज साइकिल चलाकर पहुंचने वाले शख्स आदिल बन गए हैं. उन्होंने इस साल 22 मार्च को सुबह करीब साढ़े सात बजे श्रीनगर के लाल चौक के प्रतिष्ठित घंटा घर से अपनी यात्रा शुरू की और 30 मार्च को सुबह करीब नौ बजे कन्याकुमारी पहुंचे. इस तरह वो गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा लिये.

साइकिल चलाना उनका जुनून कैसे बना, इस बारे में 23 साल के आदिल ने बताया कि साल 2013 में, मैंने पहली बार साइकलिंग में राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व किया. उसके बाद, साइकिल चलाने में मेरी दिलचस्पी बढ़ती ही गई. उन्होंने कहा कि मैंने साइकिलिंग को अपना पेशा बनाने का संकल्प कर लिया. हालांकि चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा क्योंकि बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी. यह पता था कि इसे हालिस करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. 2013 से, मैं राष्ट्रीय और वरिष्ठ राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू और कश्मीर का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. मैंने तीन साल तक कश्मीर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया है.

श्रीनगर से लेह के बीच चलाई साइकिल 

साल 2019 में आदिल ने एक नॉन-स्टॉप साइकिलिंग कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने श्रीनगर से लेह के बीच साइकिल चलाई और 26 घंटे में 40 किलोमीटर की दूरी तय की. आदिल ने कहा कि इस आयोजन ने उन्हें खेल गतिविधियों में अपनी क्षमताओं का एहसास कराने के लिए प्रेरित किया.

परिवार का समर्थन मिला 

अपने सपनों को साकार करने में अपने परिवार के समर्थन के बारे में बात करते हुए, आदिल ने कहा, 'मेरे माता-पिता मेरी प्रेरणा रहे हैं और मुझे उनसे प्रेरणा मिली है. अब छह साल हो गए हैं जब मैं राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. साइकिल चलाना एक महंगा खेल है. खेल के लिए बहुत सारे महंगे उपकरणों की आवश्यकता होती है. लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझे कभी यह महसूस नहीं कराया कि वे वित्तीय संकट के कारण यह सब वहन नहीं कर पाएंगे. उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया.'

पहले नहीं मिल रहे थे प्रायोजक 

उन्होंने आगे बताया कि लंबी दूरी की साइकिलिंग कार्यक्रमों के आयोजकों से बातचीत शुरू की. कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल चलाने की योजना बना रहा था. इसके लिए मुझे बहुत तैयारी करनी पड़ी क्योंकि कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल चलाना कोई आसान काम नहीं है क्योंकि NH44 पर 3600 किमी से अधिक साइकिल चलाना जो देश का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है, आसान नहीं है. इतना ही नहीं प्रायोजक भी नहीं मिल रहे थे. क्योंकि इसमें बड़ी लागत शामिल थी इसके लिए फिजियोथेरेपिस्ट, पोषण विशेषज्ञ, कैमरामैन की जरूरत थी. एक वृत्तचित्र निर्माता जो यात्रा में आवश्यक हैं.

इस अभियान में प्रशासन और कश्मीर के लोगों का साथ मिला

उन्होंने आगे बताया कि एक दोस्त ने एक प्रायोजक से मिलवाया. जिसने मुझे तैयार करने के लिए कहा और विश्व रिकॉर्ड बनाने में हर संभव मदद का आश्वासन दिया. मेरे कोच राजेश कौशिक ने मुझे इसके लिए प्रशिक्षित किया. महीनों के प्रशिक्षण के बाद, मैंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया. पिछले साल नवंबर और फरवरी के अंत में, मेरा आवेदन स्वीकार कर लिया गया. इस अभियान में प्रशासन और कश्मीर के लोगों का साथ मिला. 

गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर कर रहे हैं आदिल

नरवाल के रहने वाले आदिल ने बताया कि उनकी स्कूलिंग नरवाल में हुई. 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए वो मगम गये. उन्होंने स्नातक श्रीनगर के गांधी मेमोरियल कॉलेज में की. वर्तमान में वो अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर कर रहे हैं. जहां साइकिल चलाने का प्रशिक्षण भी ले रहे हैं.

HIGHLIGHTS

  • जम्मू-कश्मीर के आदिल ने बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
  •  आदिल ने कश्मीर से कन्याकुमारी साइकिलिंग की
  • महज 8 दिन में 36 हजार की दूरी तय की 

Source : News Nation Bureau

Guinness World Records cycling Adil Teli
Advertisment
Advertisment
Advertisment