असम के नगांव में शनिवार को चाय बागान से एक 16 फीट लंबा एक किंग कोबरा मिला जिसके बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया था. हालांकि स्थानीय लोगों ने इस बात की जानकारी वन्यजीव संरक्षण टीम को दी गई. जिसके बाद इस 16 फीट लंबे किंग कोबरा को आसानी से बचाया जा सका. इस लंबे किंग कोबरा का वजन लगभग 20 किलो था वन्यजीव संरक्षण टीम के अधिकारियों ने इस किंग कोबरा का रेस्क्यू करने के बाद उसे ले जाकर नगांव के जंगलों में छोड़ दिया. आपको बता दें कि आम तौर पर किंग कोबरा मनुष्यों से छिपकर रहता है और जल्दी उनपर हमला नहीं करता है लेकिन जब उसे अपने ऊपर खतरा महसूस होता है तो वह मनुष्यों पर भी हमला कर सकता है.
सामान्यतः किंग कोबरा दिन में ही अपने भोजन की तलाश में बाहर निकलते हैं सामान्य तौर पर किंग कोबरा दिन में ही अपना शिकार तलाशते हैं. ये छोटे सांप, मेंढक, चूहे, मछलियां और खरगोश आदि जीवों को खाकर अपनी भूख मिटाता है. आपको बता दें कि किंग कोबरा का असली भोजन सांप होता है. इसका सबसे प्रिय भोजन रैटकिल स्नैक होता है यह इस प्रजाति के सांप को बहुत ज्यादा पसंद करता है. किंग कोबरा अपनी ही प्रजाति के सांपों को भी मार कर खा जाता है.
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सांपों के जानकार और वनकर्मियों को सांप से अपनी जान बचाने और उन्हें रेस्क्यू की ट्रेनिंग देने वाले विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर अगजर भी किंग कोबरा से छोटे साइज में हो तो किंग कोबरा उसे भी नहीं बख्शता है. जब किंग कोबरा एक बार भोजन कर लेता है तो उसे अगले 15 से 20 दिन तक खाना खाने की आवश्यकता नहीं होती है. विशेषज्ञों का मानना है कि किंग कोबरा सबसे समझदार सांप होता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में पाए जाने वाले किंग कोबरा के लिए उसका जहर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. इसलिए वह आसानी से जहर का प्रयोग नहीं करता. वह डराने के लिए जब फर्स्ट अटैक करता है तो उसमें जहर नहीं होता.
HIGHLIGHTS
- 16 फीट लंबा किंग कोबरा रेस्क्यू किया गया
- असम के नगांव में चाय बागान में निकला किंग कोबरा
- रेस्क्यू टीम ने बचाई किंग कोबरा की जान