इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस की चपेट में है. कोरोना वायरस का सबसे बुरा प्रभाव देश के मजदूर और गरीब लोगों पर पड़ा है. जहां एक ओर मजदूर लोग काम न होने की वजह से भूखे सोने के लिए मजबूर हैं तो वहीं ऐसे माहौल में गरीब को दाल-रोटी खिलाने वाले अब सभी अपने-अपने घरों में हैं. लॉकडाउन की वजह से परदेस में कमाने-खाने गए लोग अब धीरे-धीरे अपने गांव की ओर लौट रहे हैं. सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनों के अलावा अब एसी ट्रेनें भी चला रही हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने साधन से ही गांव के लिए पलायन कर रहे हैं.
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उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले कमला प्रसाद गुप्ता कमाने के लिए मुंबई गए थे, जहां उन्होंने अपना घर चलाने के लिए ऑटो खरीदा था. लेकिन, इस मुसीबत की घड़ी में न तो उनका ऑटो चल रहा है और न ही उनका घर. कमला प्रसाद ने बताया कि उन्होंने सर्दी, गर्मी, बरसात... सभी मौसम में मुंबई वालों की मदद की है लेकिन जब उन पर खुद मुसीबत आई तो किसी मुंबई वाले ने उनकी मदद नहीं की. इसी वजह से निराश कमला प्रसाद अपने पूरे परिवार के साथ उसी ऑटो में सवार होकर अपने गांव मिर्जापुर जा रहे हैं, जिस ऑटो को उन्होंने मुंबई की सेवा के लिए खरीदा था.
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कमला प्रसाद ने बताया कि उनकी तरह यूपी के रहने वाले हजारों लोग मुंबई में ऑटो चलाते हैं. उनके जानने वाले कई ऑटो चालक भी उन्हीं की तरह अपनी रोजी-रोटी के साधन में सवार होकर घर के लिए रवाना हो गए हैं. बताते चलें कि इस वक्त पूरे देश से प्रवासी लोगों का आगमन-प्रस्थान हो रहा है. शुरुआत में तो हजारों मजदूर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर कर अपने घर पहुंचे थे और अभी भी हजारों मजदूर पैदल ही घर जा रहे हैं. हालांकि, अब सरकार ने प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए कई ट्रेनें शुरू कर दी हैं.
Source : News Nation Bureau