धरती की गहराई में करोड़ों का खजाना दफ्न है. जरूरत है सिर्फ आपको सिर्फ उसे खोज कर बाहर निकालने की. कई नायाब और बेशकीमती हीरे जमीन में छिपे हुए हैं. हर किसी की चाहत होती है कि वह हीरे की जूलरी पहने. ऐसा ही एक बेशकीमती हीरा है ब्लू डायमंड. इस डायमंड के दीवाने सिर्फ राजा महाराजा ही नहीं चोर और संग्रहकर्ता भी रहे हैं.
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ब्लू डायमंड को द होप डायमंड भी कहा जाता है. एक वैज्ञानिक अध्ययन में पता चला है कि इन हीरों का निर्माण धरती के गर्भ में 660 किलोमीटर की गहराई में होता है. ब्लू डायमंड का इतिहास जितना पुराना है, उससे भी ज्यादा दिलचस्प है इसके बनने की कहानी. इस अध्ययन में दावा किया है कि यह दुर्लभी हीरा धरती के अंदर 660 किमी की गहराई में पाए जाते हैं। यानी यह धरती के मेंटल के निचले हिस्से तक पाए जाते हैं. वैज्ञानिकों ने इस नतीजे पर पहुंचने के लिए 46 ब्लू डायमंड का अध्ययन किया. इसमें दक्षिण अफ्रीका का वह दुर्लभ हीरा भी शामिल है जो 2016 में 25 मिलियन डॉलर में बिका था। अब तक खोजे गए कुल हीरों में ब्लू डायमंड (नीला हीरा) की हिस्सेदारी 0.02 प्रतिशत ही है लेकिन ये दुनिया के सबसे मशहूर हीरों में शुमार हैं.
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समुद्र के भीतर पाए जाते थे बोरोन
इस अध्ययन में यह भी पता चलता है कि बोरोन समुद्र के भीतर पाए जाते थे. करोड़ों साल पहले ये भूमिगत हो गए. उल्लेखनीय है कि 99 प्रतिशत हीरे पृथ्वी के भीतर 90-125 मील (150-200 किमी) की गहराई तक ही पाए जाते हैं. इस अध्यन की अगुवाई जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका वैज्ञानक इवान स्मिथ ने की.
Source : News Nation Bureau