कोरोना वायरस (Coronavirus) ने केवल भारत (India) ही नहीं बल्कि अमेरिका (USA) जैसे दुनिया के सबसे ताकतवर देश की भी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करके रख दिया. कोरोना काल में भारत सरकार ने देश के गरीबों की मदद के लिए कई अहम कदम उठाए. लेकिन, फिर भी देश में ऐसे लोगों की संख्या का कोई अंदाजा नहीं है जो सरकारी मदद नहीं प्राप्त कर सके. कोरोना काल में भयानक मंदी से गुजर रहे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश की जनता से मदद की अपील की तो लोग बढ़-चढ़कर आगे आए और अपनी क्षमता के अनुसार दान किया.
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कोरोना वायरस से जूझ रहे हिंदुस्तान की मदद के लिए देश के छोटे-छोटे बच्चों मे सालों से इकट्ठा किए पैसे दान कर दिए तो किसी ने अपने जीवनभर की पूरी कमाई देश के नाम कर दी. हमारे इस देश में ऐसे लोगों की भी कोई कमी नहीं है, जिन्होंने संकट में फंसे देश को देखकर अपनी क्षमता से भी कई गुणा ज्यादा दान किया. इसी कड़ी में तमिलनाडु के मदुरै से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. मदुरै में रहने वाले पूलपंडियन नाम के भिखारी ने तमिलनाडु सरकार के कोविड-19 राहत फंड में 90 हजार रुपये दान किए हैं.
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भीख मांगकर गुजारा करने वाले पूलपंडियन ये सारी राशि शिक्षा फंड में दान करना चाहते थे लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए उन्होंने राज्य सरकार के कोविड फंड में ये पैसे डाल दिए. पूलपंडियन ने दान किए गए सारे पैसे भीख मांगकर ही इकट्ठा किए थे. बता दें कि उन्होंने इससे पहले मई में भी 10 हजार रुपये कोविड फंड में दान किए थे, जब देश में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लगाया गया था. कोरोना संकट को देखते हुए भीख मांगकर पेट पालने वाले बाबा अब तक कुल 1 लाख रुपये कोविड फंड में दान कर चुके हैं.
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बुजुर्ग पूलपंडियन के इस नेक काम की चारों ओर तारीफें हो रही हैं. आपको बता दें कि कलेक्टर ने बुजुर्ग बाबा को उनके इस काम के लिए समाजसेवी का भी दर्जा दिया है, जिसे पूलपंडियन बहुत खुश हैं. बताते चलें कि देशभर में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 27 लाख से भी ज्यादा हो चुकी है और 51 हजार से भी ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान भी गंवा चुके हैं. लेकिन, राहत की बात ये है कि देशभर में कोरोना को हराकर घर लौटने वालों की संख्या भी 20 लाख के काफी करीब पहुंच चुकी है.
Source : News Nation Bureau