मां बनने के लिए 40 साल की महिला ने 6 फीट लंबे व्यक्ति का स्पर्म लिया. शर्त थी कि उसका बच्चा भी लंबा और दिखने में सुंदर होगा. सक्सेसफुल आईवीएफ ट्रीटमेंट से गुज़रने के बाद वह मां बनी, लेकिन उसकी प्रेग्नेंसी रिपोर्ट से पता चला कि उसका बच्चा 'बौना' होगा. रिपोर्ट के अनुसार, उसके बच्चे को एक आनुवांशिक बीमारी 'एकॉड्रोप्लासिया' (Achondroplasia) होना बताया, जिसमें हड्डियों की ग्रोथ रुक जाती है और मस्तिष्क का आकार बड़ा और अंगुलियां छोटी होती हैं.
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महिला की डिलीवरी के बाद डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसका बच्चा 4 फीट से ज्यादा लंबा नहीं हो पाएगा. यही नहीं, बच्चे के चेहरे और हाथ-पैरों का साइज़ भी छोटा ही रहेगा. यह बात महिला को नागवार गुजरी और उसने स्पर्म बैंक के खिलाफ केस दर्ज करा दिया. महिला का कहना है कि आगे से कोई उसकी तरह न फंसे, इसलिए स्पर्म बैंक पर केस दर्ज करवाया.
डेली मेल की खबर के मुताबिक, 'रूस के डिस्ट्रिक कोर्ट ने स्पर्म बैंक को बंद करने का आदेश दे दिया है. दूसरी ओर स्पर्म बैंक का कहना है कि हमारे स्पर्म डोनर्स 46 कॉमन जेनेटिक बीमारियों के स्क्रीन से गुजरते हैं. इसलिए सभी स्पर्म बढ़िया क्वालिटी के ही होते हैं.'
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डॉक्टरों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि यह जरूरी नहीं कि बच्चे में बौनापन स्पर्म के चलते ही हो.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो