Ajab Gajab India: किसने बनवाई चंबल में संसद, 1200 सालों से 110 खंभों पर टिकी इमारत

9वीं सदी के इसी मंदिर की तर्ज पर देश की ऐतिहासिक इमारत संसद भवन का खाका खीचा गया था.

author-image
Drigraj Madheshia
एडिट
New Update
Ajab Gajab India: किसने बनवाई चंबल में संसद, 1200 सालों से 110 खंभों पर टिकी इमारत

चंबल की ये इमारत अगर 110 खंभों पर खड़ी है, तो देश के लोकतंत्र का मंदिर 144 खंभों पर टिका है.

Advertisment

मध्य प्रदेश का ये मंदिर देश के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है.दावा किया जाता है कि 9वीं सदी के इसी मंदिर की तर्ज पर देश की ऐतिहासिक इमारत संसद भवन का खाका खीचा गया था.मुरैना में स्थित ये मंदिर कई कहानियों को लेकर मशहूर है, लेकिन कोई नहीं जानता कि ये आम मंदिरों से अलग क्यों है और इसके बनने की वजह क्या रही होगी. जमीन से 300 फीट ऊंचाई पर बनी इस इमारत को यहीं के लाल और भूरे बलुआ पत्थरों से बनाया गया है.

यह भी पढ़ेंः इस 'चप्‍पल सेल्‍फी' को आपने Like किया क्‍या, अमिताभ बच्‍चन भी फिदा हो गए इस तस्‍वीर पर

गोलाकार वाले इस मंदिर की वास्तुकला बेजोड़ है. इस मंदिर का बाहरी नजारा जितना मोहक है. उतना ही आकर्षक है इसका अंदरूनी हिस्सा. 110 खंभों पर खड़े इस मंदिर में चौंसठ कमरे हैं. जहां हर कमरे में एक शिव लिंग. और योगिनी स्थापित की गई थी. यहां शिवलिंग तो आज भी नजर आते हैं. लेकिन योगिनियों को संग्रहालय भिजवा दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः शारीरिक संबंध बनाने को लेकर पत्नी को पीटता था सनकी पति, और फिर एक दिन पिता को इस हाल में मिली बेटी

दावा किया जाता है कि यहां तांत्रिक क्रियाएं की जाती हैं. लेकिन दूसरी तरफ, इसके कोने-कोने में प्राचीन शैली की कला देखने को मिलती है. इसकी दीवारों पर उकेरी गई बेहतरीन नक्काशी. इसे और भव्य बनाती है. कहा जाता है कि पूरे देश में भ्रमण के बाद. ब्रिटिश आर्किटेक्ट लुटियन्स को यही इमारत लोकतंत्र के मंदिर के लिए पसंद आई.

यह भी पढ़ेंः महज 10 साल की उम्र में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली है नन्ही बच्ची, कारनामे सुन दांतों तले दबा लेंगे उंगली

माना जाता है कि मुरैना का ये मंदिर अपने आप में कई रहस्य लपेटे हुए है. इसकी खामोश दीवारों पर काले जादू के निशान मिलते हैं. यहां आज भी तंत्र मंत्र की पहेली हर किसी को हैरान कर देती है. कोई नहीं जानता कि इस मंदिर में एक कक्ष को छोड़कर बाकी कक्षों में पूजा क्यों नहीं होती. लेकिन लोग मंदिर के बीच में बने पार्वती के साथ विराजमान भगवान शिव के इस कक्ष में आज भी पूजा करते हैं. मंदिर का ये इकलौता कक्ष है, जहां आज भी शिवभक्त अपना माथा टेकते हैं. घंटी बजाते हैं. और मन्नत मांगते हैं.

कुदरत की खूबसूरती के बीच बनी इस अद्भुत इमारत की वास्तुकला बेजोड़ है. इतिहास के मुताबिक ये मंदिर 1200 साल पहले बना था. जिसके हर कमरे में शिवलिंग के साथ योगिनियों को स्थापित किया गया था. इन 64 योगिनियों के नाम पर ही इस मंदिर को चौसठ योगिनी मंदिर कहा गया. लेकिन जब ये इमारत खंडहर में तब्दील होने लगी तो योगिनियों को संग्रहालय ले जाया गया.

एक तरफ संसद, दूसरी तरफ मंदिर

मुरैना का ये मंदिर 9वीं सदी का है. तो देश की संसद साल 1926 में बनी है. चंबल की ये इमारत अगर 110 खंभों पर खड़ी है, तो देश के लोकतंत्र का मंदिर 144 खंभों पर टिका है. मुरैना का ये चौसठ योगिनी मंदिर, यहीं के लाल और भूरे बलुआ पत्थरों से बना है. तो संसद लाल पत्थर से बनी है. दोनों गोलाकार इमारतों में कमरों की संख्या तो समान है, लेकिन साइज में काफी बड़ा अंतर है. वहीं इस मंदिर का निर्माण प्रतिहार राजाओं ने कराया तो संसद को सर एडविन लुटियन्स ने बनवाया.

Source : News Nation Bureau

madhya-pradesh parliament muraina Yogini Temple
Advertisment
Advertisment
Advertisment