Advertisment

जब फ्रांस में डांस करते-करते मर गए लोग, क्या थी वजह?

क्या कोई डांस करते-करते मर सकता है? अमूमन लोगों को नाचने का शौक होता है. लेकिन क्या आपने डांस की बीमारी के बारे में सुना है?

author-image
Anjali Sharma
एडिट
New Update
Dancing Plague

डांस की महामारी( Photo Credit : thepsychologist.bps.org.uk/wikipedia)

Advertisment

2020 में कोरोना वायरस ने लोगों को अपनी उंगलियों पर खूब नचाया है. लेकिन क्या कोई डांस करते-करते मर सकता है? अमूमन लोगों को नाचने का शौक होता है. लेकिन क्या आपने डांस की बीमारी या महामारी के बारे में सुना है? दरअसल, 1518 में अलसेस के स्ट्रासबर्ग (अब आधुनिक फ्रांस) में एक ऐसी महामारी ने दस्तक दी जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. लगभग 500 साल पहले फ्रांस में डांस की महामारी ने कई लोगों को अपनी चपेट में लिया. 

चिकित्सक नोट, कैथेड्रल उपदेश, स्थानीय और क्षेत्रीय इतिहास, और स्ट्रासबर्ग नगर परिषद द्वारा जारी किए गए नोट समेत ऐतिहासिक दस्तावेज स्पष्ट करते हैं कि पीड़ितों ने डांस किया लेकिन क्यों यह नहीं पता. इस महामारी का प्रकोप जुलाई 1518 में शुरू हुआ जब एक महिला स्ट्रासबर्ग की एक गली में जमकर नाचने लगी. इसके बाद कई युवतियों ने उसके साथ नाचना शुरू कर दिया. इनका डांस थम नहीं रहा था. यह इतने लंबे समय तक चला कि इसने स्ट्रासबर्ग मजिस्ट्रेट और बिशप का ध्यान आकर्षित किया. कुछ डॉक्टरों ने अंतत: हस्तक्षेप किया जिसके बाद पीड़ितों को अस्पताल में रखा गया.

देखें लाइव टीवी- न्यूज़ नेशन लाइव टीवी

इसको लेकर आज भी कई मत हैं कि वाकई डांस करने से लोगों की मौत हुई या नहीं. कुछ सूत्रों का दावा है कि एक समय पर प्रति दिन लगभग 15 लोगों को मार डाला. हालांकि, कुल कितनी मौत हुईं इसका जिक्र नहीं हुआ. इस दावे के मुख्य सूत्र जॉन वालर हैं, जिन्होंने इस विषय पर कई जर्नल लेख और किताब 'ए टाइम टू डांस, ए टाइम टू डाई: द एक्स्ट्राऑर्डिनरी स्टोरी ऑफ द डांसिंग प्लेग 1518' लिखी है. 

यह भी पढ़ें- तेलंगाना में डॉक्टरों ने जान बचाने के लिए महिला का हटाया पेट

एक मत के हिसाब से यह सब उन लोगों के द्वारा फफूंद या मनो-रासायनिक उत्पादों का सेवन करने की वजह से हुआ. आपको बता दें कि एर्गोटामाइन एरोगेट फंगी का मुख्य मनो-सक्रिय उत्पाद है; यह ड्रग लिसर्जिक एसिड डायथाइलैमाइन (एलएसडी -25) से संरचनात्मक रूप से संबंधित है और वह पदार्थ है जिसमें से एलएसडी -25 को मूल रूप से मिलाया गया था. उसी फंगस को अन्य प्रमुख ऐतिहासिक विसंगतियों में भी मिलाया गया है, जिसमें 'सलेम विच ट्रायल्स' भी शामिल है, हालांकि अकेले एरोगेट के होने से यह असामान्य व्यवहार या मतिभ्रम का कारण नहीं होगा जब तक कि ओपियेट्स के साथ संयुक्त न हो।

इसे मास हिस्टीरिया या जन मनोचिकित्सा बीमारी में होने वाले साइकोजेनिक मूवमेंट डिसऑर्डर का उदाहरण भी बताया गया है, जिसमें कई लोग अचानक एक ही तरह का विचित्र व्यवहार प्रदर्शित करते हैं. महामारी पैटर्न में व्यवहार तेजी से और व्यापक रूप से फैलता है.

Source : Anjali Sharma

france Dancing Plague Dancing Plague 1518
Advertisment
Advertisment