समंदर के बीचों बीच अगर कोई गुम हो जाए तो उसका जिंदा रहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया का एक शख्स तीन महीने बाद समुद्र से जिंदा बच निकला. ये शख्स इसी साल अप्रैल में अपने कुत्ते के साथ समुद्र में लापता हो गया था. लेकिन मछुआरों की एक नाम ने उसे ढूंढ निकाला. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले 54 साल के टिमोथी लिंडसे शैडॉक एक नाविक है. जिन्हें समुद्र में वक्त गुजारना बेहद पसंद है. लेकिन अप्रैल में वह समुद्र में गुम हो गए. उनके साथ उनका पालतू कुत्ता बेला था. मंगलवार को मैक्सिको की मारिया डेलिया नाव के मछुआरों ने उन्हें बचा लिया और मंजानिलो शहर में लेकर पहुंचे. तीन महीने तक समुद्र में भटकने के बाद शैडॉक और उनके कुत्ते का जिंदा बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है.
ये भी पढ़ें: इस गांव को माना जाता है शापित, जहां तीन फीट के बाद रुक जाती है बच्चों की लंबाई
बिल्कुल स्वस्थ हैं शैडॉक
खुद शैडॉक को भी इस बात का यकीन नहीं हो रहा कि वह जीवित हैं. उन्होंने कहा कि, "मैं बिल्कुल ठीक महसूस कर रहा हूं. मैं आपको बताता हूं, मैं पहले से काफी बेहतर महसूस कर रहा हूं,'' मेक्सिको सिटी से लगभग 337 किमी (210 मील) पश्चिम में बंदरगाह शहर सुरक्षित पहुंचे शैडॉक काफी खुश नजर आए. उन्होंने मछली पकड़ने वाली कंपनी और नाव कप्तान का आभार जताया. शैडॉक कहते हैं, "मैं जीवित हूं और मैंने वास्तव में नहीं सोचा था कि मैं इसे हासिल कर पाऊंगा, मैं और मेरा कुत्ता बेला दोनों अच्छा महसूस कर रहे हैं."
खुद के जिंदा रहने का नहीं हो रहा यकीन
शैडॉक खुद को एक शांत व्यक्ति मानते हैं जो समुद्र में अकेले रहना पसंद करता है. जब उनके पूछा गया कि वह अप्रैल में मेक्सिको के बाजा प्रायद्वीप से प्रशांत महासागर को पार करके फ्रेंच पोलिनेशिया तक जाने के लिए क्यों निकले थे? तब उन्होंने कहा, "मुझे यकीन नहीं है कि मेरे पास इसका उत्तर है, लेकिन मुझे नौकायन में बहुत मजा आता है और मुझे समुद्र के लोग बहुत पसंद हैं. यह समुद्र के लोग हैं जो हम सभी को एक साथ लाते हैं. सागर हममें है. हम सागर हैं."
ये भी पढ़ें: मुग़ल साम्राज्य में कोतवाल के पास कितनी शक्तियां होती थी, आखिर क्या काम होता था?
तूफान में नष्ट हो गई शैडॉक की नाव
बता दें कि शैडॉक कैटामरन मैक्सिकन शहर ला पाज़ से एक नाव से अप्रैल में रवाना हुए थे. लेकिन यात्रा के कुछ सप्ताह बाद खराब मौसम के कारण वह समुद्र में फंस गए. वह बताते हैं कि उन्होंने आखिरी बार मई की शुरूआत में जमीन देखी थी. तब वह कॉर्टेज़ सागर से निकलकर प्रशांत महासागर में गए थे उस दिन पूर्णिमा थी. शैडॉक ने कहा कि उनके पास अच्छी सुविधाएं थीं, लेकिन एक तूफान ने उनके इलेक्ट्रॉनिक्स और खाना पकाने के सभी सामान को नष्ट कर दिया. उसके बाद वह और उनका कत्ता जिंदा रहने के लिए कच्ची मछलियां खाते रहे. शैडॉक ने कहा कि जब टूना नाव के हेलीकॉप्टर ने जमीन से लगभग 1,930 किमी दूर शैडॉक के कैटमरैन को देखा, तो यह तीन महीनों में देखे गए मनुष्यों का पहला संकेत था. अब शैडॉक जल्द से जल्द ऑस्ट्रेलिया पहुंचना चाहते हैं जिससे कि वह अपने परिवार से मिल सकें.
पहले भी कई महीने समुद्र में भटकने के बाद जिंदा मिल चुके हैं लोग
समुद्र में जीवित रहने की और भी तमाम कहानियां हैं लेकिन सब का अंत सुखद नहीं रहा. साल 2016 में एक कोलंबियाई मछुआरे को प्रशांत महासागर में दो महीने तक भटकने के बाद जिंदा बचा लिया गया. लेकिन इस हादसे में उसके तीन क्रू साथियों की मौत हो गई. उसे हवाई से 3,220 किमी (2,000 मील) दक्षिण-पूर्व में एक व्यापारी जहाज द्वारा बचाया गया था. वह और अन्य लोग कोलंबिया के तट पर मछली पकड़ रहे थे, तभी उनकी नाव की मोटर ख़राब हो गई, जिससे वे भटक गए.
ये भी पढ़ें: भूतिया मानी जाती है ये जगह, जहां शाम के बाद जाने वाला नहीं लौटता वापस!
उससे पहले साल 2014 में, साल्वाडोरन का मछुआरा 13 महीने तक समुद्र में बहने के बाद मार्शल द्वीप समूह में एबोन के छोटे प्रशांत एटोल पर किनारे पर आ गया. जोस साल्वाडोर अल्वारेंगा ने दिसंबर 2012 में शार्क मछली पकड़ने के लिए एक दिन के लिए मेक्सिको छोड़ दिया था. उन्होंने बताया था कि उनकी नाव 8,850 किमी (5,500 मील) दूर तट पर आने से पहले वह मछली, पक्षियों और कछुओं को खाकर जिंदा रहे.
HIGHLIGHTS
- तीन महीने तक समुद्र में भटकता रहा शख्स
- कच्ची मछलियां खाकर रहा जिंदा
- मैक्सिकन मछुआरों ने ऐसे बचाई जान
Source : News Nation Bureau