धरती से विलुप्त हो रही ईमानदारी हमारे समाज के लिए चिंता का विषय है. हालांकि, इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि इस कलयुग में भी ईमानदार लोगों की कोई कमी नहीं है. ताजा मामला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू का है, जिसे जानने के बाद आप भी हैरान रह जाएंगे. कोरोना वायरस महामारी के बाद से ही पूरे देश की अर्थव्यवस्था को गहरी चोट लगी हुई है. आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े उद्योगपति इस समय खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं. ऐसी विषम परिस्थितियों में बेंगलुरू से आई ईमानदारी की ये खबर वाकई हैरान कर देने वाली है. दरअसल, एक शख्स ने कॉटनपेट से चामराजपेट जाने के लिए एक ऑटो किया. शख्स के पास एक बैग था, जिसमें 2 लाख 60 हजार रुपये थे. शख्स ऑटो से तो उतर गया लेकिन वह पैसों से भरा अपना बैग साथ ले जाना भूल गया.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के रहने वाले अमित कुमार पांडे (33) को चामराजपेट के ईदगाह मैदान जाना था. वे कॉटनपेट में कुमार डी के ऑटो बैठे, लेकिन चामराजपेट उतरते वक्त वे अपना पैसों से भरा बैग ऑटो में ही भूल गए. 54 साल के ऑटो रिक्शा ड्राइवर कुमार डी ने बेंगलुरू के पास केआर पुरम में रहते हैं. इस तंगी के समय में पैसों से भरा बैग देखकर भी ऑटो ड्राइवर का ईमान नहीं डगमगाया और उन्होंने अमित को पूरे पैसे लौटा दिए. कुमार की इस ईमानदारी को देख डिप्टी कमीश्नर ऑफ पुलिस (वेस्ट) संजीव एम पाटिल भी काफी प्रभावित हुए. डिप्टी कमीश्नर ने गुरुवार को ऑटो चालक को उनकी ईमानदारी के लिए सम्मानित किया. ऑटो चालक को पैसे लौटाने की एवज में ईनाम के तौर पर 8 हजार रुपये दिए गए.
खबरों के मुताबिक अमित जब कुमार के ऑटो से उतर गए थे तो उन्हें एक महिला सवारी मिली, जिसे श्रीनगर जाना था. महिला ने कुमार को बताया कि ऑटो की पिछली सीट पर एक बैग पड़ा हुआ है. कुमार ने पहले तो महिला को श्रीनगर उतारा और फिर सीधे चामराजपेट जा पहुंचे. उन्होंने वहां एक दुकानदार से अमित के बारे में पूछा. दुकानदार ने अमित को फोन किया और वह वहां एक पुलिसकर्मी के साथ पहुंच गया. जिसके बाद कुमार ने अमित को सारे पैसे वापस कर दिए. कुमार की ईमानदारी को देखते हुए अमित ने उन्हें 3 हजार रुपये दिए जबकि डीसीपी ने उन्हें एक सर्टिफिकेट के साथ 5 हजार रुपये का ईनाम दिया.
Source : News Nation Bureau