VVIP Tree: मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में वीवीवाईपी कल्चर को खत्म करने को लेकर कई अहम कदम उठाए हैं. वजह साफ है कि नेता कभी ये ना समझें कि वो वीआईपी हैं, बल्कि उन्हें हर वक्त ये एहसास होना चाहिए कि वो जनता की सेवा के लिए चुने गए हैं. बहरहाल ये तो हुई मोदी सरकार की बात. लेकिन वीवीआईपी कल्चर के बारे में तो आप जानते ही होंगे, कई सेलिब्रिटीज को आपने वीवीआईपी ट्रीटमेंट मिलते देखा होगा. कुछ बड़ी हस्तियों को भी ऐसा ही ट्रीटमेंट मिलते देखा होगा. इतना ही नहीं कुछ जानवरों को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलते हुए आपने देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी किसी पेड़ के साथ ऐसा होते हुए देखा. शायद नहीं. अगर नहीं तो हम आपको आज अपने इस लेख के जरिए ऐसे ही पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ना सिर्फ वीवीआईपी है बल्कि इसकी सुरक्षा में हर दम पुलिस जवान तैनात रहते हैं. यही नहीं इसके रख रखाव के लिए भी सालाना लाखों रुपयों का खर्च किया जाता है.
VVIP है बोधी वृक्ष
मध्य प्रदेश के रायसिन जिले में मिलने वाला बोधी वृक्ष किसी वीवीआईपी से कम नहीं है. इस पेड़ को 21 सितंबर 2012 को श्रीलंका के तात्कालीन राष्ट्रपति ने इस जगह पर लगाया था. राजपक्षे की ओर से लगाए गए इस पेड़ से बौद्ध धर्म की आस्था भी जुड़ी हुई है. यही वजह है कि इस पेड़ को शुभ, पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में इस पेड़ की देखभाल के लिए भी विशेष टीम तैयार की गई है.
इन कारणों से वीवीआईपी है पेड़
- इस पेड़ के आस-पास 15 फीट की फेंस लगाई गई है
- 24 घंटे पेड़ की सुरक्षा में पुलिस जवान तैनात रहते हैं
- पुलिस के अलावा सांची नगरपालिका, रेवेन्यू और हॉर्टिकल्चर विभाग रखते हैं नजर
- 15 दिन में इस पेड़ का मेडिकल टेस्ट होता है, किसी भी तरह की कमी को तुरंत पूरा किया जाता है
- इलाज के तौर पर तुरंत पेड़ को खाद और पानी दिया जाता है.
- पेड़ की सुरक्षा पर हर वर्ष 12 से 14 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं.
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पत्तियां गिरते ही पहुंच जाती है टीम
इस पेड़ की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, इसकी एक पत्ति के गिरते ही तुरंत सुरक्षा में तैनात टीम वहां पहुंच जाती है और इसके कारणों का पता लगाया जाता है. इसके साथ ही तुरंत एक मेडिकल टेस्ट भी होता है कि, कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है.
कहां लगाया गया है इस पेड़ को?
अब तक आप इस पेड़ की अहमियत को अच्छे समझ गए होंगे. आपको बता दें कि इस पेड़ को यूनिवर्सिटी की पहाड़ी पर लगाया गया है. सांची रायसिन घूमने-फिरने आने वाले लोगों की दूर से ही इस पर नजर पड़ जाती है. बताया जाता है कि, बोधी वृक्ष के नीचे ही गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. यही नहीं सम्राट अशोक भी शांति की तलाश में इसी पेड़ के जरिए ही आगे बढ़े. सांची आने वाला ज्यादातर लोग इस पेड़ को जरूर देखने आते हैं.