बचपन में जब हम कहानियों में नरभक्षियों का जिक्र सुनते थे, तो लगे हाथ इसका मतलब भी पूछ लिया करते थे. समय के साथ-साथ जब नरभक्षी का मतलब समझ में आया तो ये शब्द सुनते ही रूह कांप जाती है. इसी कड़ी में आज हम आपको ऐसे नरभक्षियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कब्र खोदकर मुर्दों की लाशें पकाकर खा जाया करते थे. ये दोनों नरभक्षी रिश्ते में सगे भाई हैं. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले इन दोनों आदमखोर भाइयों का नाम मोहम्मद फरमान अली और मोहम्मद आरिफ अली है.
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मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इन दोनों भाइयों ने मिलकर 150 से भी ज्यादा मुर्दों को अपना निवाला बना चुके हैं. फरमान और आरिफ शादीशुदा हैं, लेकिन इन दोनों की ही बीवियां इन्हें छोड़कर जा चुकी हैं. बताया जा रहा है कि ये दोनों ही अपनी बीवियों को मारते-पीटते थे, जिसकी वजह से उन्होंने इन दोनों नरभक्षियों को छोड़ दिया था. पुलिस ने दोनों भाइयों को सबसे पहले साल 2011 में गिरफ्तार किया था. उस वक्त इनके घर से एक महिला की लाश के टुकड़े बरामद हुए थे. इतना ही नहीं पुलिस को उनके घर में मौजूद पतीले में उसी महिला की लाश से बनी सब्जी भी मिली थी.
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इस केस ने पाकिस्तान की पूरी न्यायपालिका को हिलाकर रख दिया था क्योंकि ऐसे मामलों के लिए कानून में किसी भी प्रकार की सजा का प्रावधान नहीं है. हालांकि, दोनों को 3-3 साल की सजा और 50-50 हजार का जुर्माना भरना पड़ा. फरमान और आरिफ जेल से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहते थे क्योंकि उनका मानसिक इलाज भी चल रहा था. सजा पूरी होने के बाद दोनों को रिहा कर दिया गया था. लेकिन ये नरभक्षी इतनी आसानी से सुधरने वाले नहीं थे.
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साल 2014 में स्थानीय लोगों की शिकायत पर पुलिस ने जब इनके घर पर छापा मारा तो इस बार एक दो साल के बच्चे का कटा हुआ सिर मिला था. इतना ही नहीं घर में मौजूद पतीले में पुलिस को उस मृत बच्चे की लाश से बनी हुई सब्जी भी बरामद हुई थी. नरभक्षियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वे आमतौर पर ऐसी लाशों को सब्जी बनाने के लिए घर ले जाते थे, जिनकी हाल ही में मौत हुई होती है. पुलिस ने दोनों आदमखोरों को एक बार फिर से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने इन्हें आतंक फैलाने का दोषी मानते हुए 12-12 साल की सजा सुनाई है.
Source : News Nation Bureau