दाल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी और जमाखोरी को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने दालों के स्टॉक की मॉनिटरिंग के लिए विशेष कमेटी गठित की है. इस कमेटी की अध्यक्षता उपभोक्ता मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव निधि खरे करेंगी. क्योंकि तमाम कोशिशों के बाद भी सरकार अरहर, मूंग, समेत अन्य दालों की कीमतों पर लगाम नहीं लगा पा रही है. सरकार का कहना है कि भारत में पर्याप्त मात्रा में दालों का आयात किया गया है. इसके बावजूद भी कीमतें आसमान छू रही हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है कि गैरकानूनी तरीके से भंडारण करने के लिए कोई कमेटी या समिति नहीं है. ऐसे में दालों की जमाखोरी हो रही है और महंगे दामों पर दाल की बिक्री की जा रही है. सरकार के दखल के बाद अब केंद्र सरकार सीधे दाल के स्टॉक की स्थिति को मॉनिटर करेगी. साथ ही जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
राज्य सरकारों को भी कार्रवाई करने के निर्देश
सरकार ने दालों के भंडारण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है. सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया जब दालों को जमा करने वाले लोग पर्याप्त मात्रा में बाजार में जारी नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से दालों के दाम आसमान छू रहे हैं. केंद्र ने राज्यों से भी दालों की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है.
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मार्केट में दालों की कीमतें 150 रुपये से ऊपर
बता दें कि देश में दाल की कीमतें दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. बात चाहे तुअर दाल की करें या मूंग दाल की सभी की कीमतें आसमान छू रही हैं. मार्केट में कोई भी ऐसी दाल नहीं है जिसका रेट 150 रुपये से कम हो. जबकि सरकार ने दाल की कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए एसेंशियल कमोडिटी के तहत आयात पर 10% की छूट भी दी थी. सरकार का कहना है कि नॉन एलडीसी देशों से पर्याप्त मात्रा में दालों का आयात हुआ है. इससे दाल की कीमतें कम होनी चाहिए, जबकि इसके दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं.