पेड़-पौधे मानव जीवन के लिए सदैव लाभकारी सिद्ध हुए हैं. चाहे ऑक्सीजन देने की बात हो या कई तरह की दवाइयां बनाने की बात हो. प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और औषधीय पौधों से कई बीमारियों का इलाज किया जाता रहा है. ऐसे कई पेड़ हैं जिनके इस्तेमाल से लोगों का जीवन काफी आसान हो जाता है. आज हम आपको एक ऐसे ही पेड़ के बारे में बताएंगे, जो लोगों की जिंदगी को आज भी आसान बनाया है और यह पेड़ कई सालों से लोगों की सेवा कर रहा है. छत्तीसगढ़ में एक ऐसा पेड़ है, जो आज भी लोगों के लिए रामबाण बना हुआ है.
भुतहा पेड़ कर रहा है लोगों की सेवा
वहां के लोग इस पेड़ को भुतहा कहते हैं, आपने अक्सर सुना होगा कि लोग भुतहा पेड़ के पास जाने से लोग डरते हैं लेकिन वहां ऐसा नहीं है. इस पेड़ के गोंद का उपयोग सूजाक रोग, हड्डियों की मजबूती और पीठ दर्द से राहत के लिए किया जाता है. आपको बता दें कि यह पेड़ स्टेरकुलिया यूरेन्स परिवार का है. इस पेड़ से लेटेक्स गोंद निकलता है, जिसे स्थानीय लोग तीरा भी कहते हैं. यह सुजाक रोग में औषधि के रूप में काम करता है. इसका उपयोग ताकत के लिए भी किया जाता है. साथ ही जिन लोगों को कमर दर्द की शिकायत रहती है उन्हें भी इससे राहत मिलती है. लोग गोंद के लड्डू बनाते हैं या फिर इन्हें लड्डुओं में मिलाकर खाते हैं. जिससे कमर दर्द से राहत मिलती है.
ये भी पढ़ें- ड्रग्स के लिए खोदी जा रही हैं इंसानों की कब्र, सामने आईं ये खौफनाक तस्वीरें
इसलिए लोग कहते हैं भुतहा पेड़?
अब सवाल यह है कि अगर यह पेड़ इतना फायदेमंद है तो लोग इसे भुतहा क्यों कहते हैं? तो आइए आपको इसके बारे में भी जानकारी दे देते हैं. इस पेड़ में कुछ ट्रांसिल्युमिनेशन कंपाउंड पाया जाता है, जो कभी-कभी बहुत अंधेरी रातों में रोशनी उत्सर्जित करता है, जिसे देखकर लोग इसे भुतहा पेड़ कहते हैं. जब किसी प्रेतवाधित पेड़ के तने की बाहरी छाल हटा दी जाती है. फिर अंदर सफेद छाल निकलती है. फिर रात में यह इंसान की त्वचा जैसा दिखता है. इसलिए लोग इसे देखने के बाद भुतहा पेड़ भी कहते हैं.
Source : News Nation Bureau