महामारी से बचने के लिए ग्रामीणों ने बनाया 'कोरोना माता' का मंदिर, पूजा करने के लिए लगी भीड़

कोरोना वायरस से निजात के लिए महिलाएं अब तक 'कोरोना मईया' की पूजा करने लगी थीं, लेकिन अब कोरोना माता का मंदिर भी बना दिया गया है.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
Corona Mata temple

यहां बनाया गया 'कोरोना माता' का मंदिर, पूजा करने के लिए लगी भीड़( Photo Credit : ANI)

Advertisment

कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए पूरी दुनिया जूझ रही है, ऐसे वक्त में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के सीमावर्ती जिलों में अंध-विश्वास ने लोगों को अपने आगोश में ले रखा है. यहां कोरोना वायरस से निजात के लिए महिलाएं अब तक 'कोरोना मईया' की पूजा करने लगी थीं, लेकिन अब कोरोना माता का मंदिर भी बना दिया गया है. मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से सामने आया है, जहां अंधविश्वास के चलते और कोरोना वायरस के खौफ में ग्रामीणों ने गांव में कोरोना माता का मंदिर बनवाते हुए कोरोना माता की मूर्ति भी स्थापित कर डाली है. इतना ही नहीं यहां सैकड़ों ग्रामीणों पूरी विधि विधान से कोरोना माता की पूजा-अर्चना भी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद शख्स का शरीर बना चुंबक, चिपकने लगे बर्तन 

कोरोना माता का यह मंदिर प्रतापगढ़ जिले के सांगीपुर थाना क्षेत्र के जूही शुक्लपुर गांव में बनाया गया है. ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से चंदा देकर कोरोना माता का मंदिर बनवाया है. कोरोना संक्रमण से दिल में पैदा खौफ से लोगों ने आस्था की राह अपनाई है. मंदिर में लाल चुनरी औढ़े और मास्क लगाए एक मूर्ति भी स्थापित की गई है. कोरोना से बचाव के लिए लोग लगातार पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. मंदिर में प्रवेश के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं तो पूजा विधि भी लिखी गई है. इसके अलावा लोगों को संक्रमण के प्रति जागरूकता का संदेश भी दिया गया है.

मंदिर में स्थापना के लिए कोरोना माता की खास मूर्ति बनवाई गई. इसे विशेष ऑर्डर पर तैयार कराया गया था. इसे विश्व का पहला कोरोना माता का मंदिर बताया गया है. ऐसा मंदिर में लिखा भी गया है. मंदिर की दीवारों पर कुछ संदेश भी लिखे गए हैं, जिनमें लिखा है- कृपया दर्शन से पूर्व मास्क लगाएं, हाथ धोएं, दूर से दर्शन करें. इसके अलावा पूजा विधि भी दीवार पर लिखी गई है. एक संदेश में लिखा है कि कृपया पीले रंग का ही फूल, फल, वस्त्र, मिठाई, घंटा आदि चढ़ाएं.

यह भी पढ़ें : एक चायवाले ने PM मोदी को दाढ़ी बनाने के लिए भेजा 100 रुपये का मनी ऑर्डर, जानें पूरा मामला 

मंदिर में यह भी लिखा गया है कि कृपया सेल्फी लेते समय मूर्ति को न छुएं. इतना ही नहीं, मंदिर में बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करने के लिए भी पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि लोगों ने सामूहिक रूप से इस विश्वास के साथ मंदिर की स्थापना की कि देवता की पूजा करने से निश्चित रूप से लोगों को कोरोनावायरस से राहत मिलेगी. ग्रामीणों का मानना है कि पूर्वजों ने चेचक को माता शीतला का स्वरूप माना था. अब कोरोना भी देवी माता का ही रूप है.  ग्रामीणों का दावा है कि यह विश्व का पहला कोरोना माता का मंदिर है. 

Corona Mata temple Corona Mata temple in Pratapgarh Pratapgarh Corona Mata temple
Advertisment
Advertisment
Advertisment