पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और अन्य कई इलाकों में महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए जीवित्पुत्रिका का व्रत रखती हैं. गुरुवार को महिलाओं ने अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए जीवित्पुत्रिका का कठोर व्रत रखा. गुरुवार को ही बिहार में एक महिला ने अपने बेटे की लंबी उम्र के लिए जीवित्पुत्रिका का व्रत रखा था और अफसोस गुरुवार को ही महिला के घर उसके बेटे की लाश आ पहुंची.
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बिहार की राजधानी पटना के कंकड़बाग में रहने वाले 17 साल के सौरभ का एक सड़क हादसे में एक्सिडेंट हो गया था. जिसके बाद सौरभ को एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया गया था. तीन दिनों तक अस्पताल में इलाज के बाद डॉक्टरों ने सौरभ को मृत घोषित कर दिया. सौरभ की मौत की खबर सुनने के बाद घर पर मातम छा गया. सौरभ के परिजन सौरभ की बॉडी को जीवित्पुत्रिका के दिन ही अंतिम संस्कार के लिए घर ले आए.
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घर में सौरभ के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल ही रही थीं कि एक मां के आशीर्वाद और उसके जीवित्पुत्रिका व्रत का अद्भुत चमत्कार देखने को मिला. सौरभ के परिजन उसके शव के अंतिम संस्कार के लिए अर्थी ले जाने की तैयारियां ही कर रहे थे कि सौरभ अचानक सांसें लेने लगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक परिजनों ने जब सौरभ को अर्थी पर लिटाया तो उसका शरीर हरकतें करने लगा और उसकी सांसें भी चलने लगीं.
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सौरभ के शरीर में आए इस अद्भुत बदलाव के बाद परिजन उसे बिना देरी किए पीएमसीएच अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि सौरभ की हालत अभी भी काफी नाजुक बनी हुई है. डॉक्टरों का कहना है कि वे सौरभ को बचाने के लिए लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau