दिल्ली मेट्रो में इस्तेमाल की टनल बोरिंग मशीन, खासियत हैरान कर देंगी

टनल बोरिंग मशीनों ने पूरे विश्व में होने वाले टनलिंग कार्यों में क्रांति सी ला दी है, क्योंकि अब सतह पर बने भवनों और अन्य ढांचों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना सुरंगों का खुदाई कार्य किया जा सकता है.

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Nihar Saxena
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Tunnel Boring Machine

टनल बोरिंग मशीन से मेट्रो का काम हुआ है आसान.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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दिल्ली मेट्रो ने जनकपुरी पश्चिम आर.के.आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर फेज फोर के सबसे पहले टनलिंग स्ट्रेच पर कृष्णा पार्क एक्सटेंशन में टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के माध्यम से डेढ़ किलो मीटर लंबी सुरंग का खुदाई कार्य पूरा करके फेज-4 के निर्माण कार्य में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. टनल बोरिंग मशीन एक ऐसी मशीन है, जिसका इस्तेमाल विभिन्न तरह की मिट्टी और चट्टानी भूमि को काटकर सकरुलर क्रॉस सेक्शन सुरंगों की खुदाई के लिए होता है. ये मशीनें किसी भी तरह की सख्त चट्टान से लेकर रेतीली भूमि को काटने का काम करती हैं.

टनल बोरिंग मशीनों ने पूरे विश्व में होने वाले टनलिंग कार्यों में क्रांति सी ला दी है, क्योंकि अब सतह पर बने भवनों और अन्य ढांचों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना सुरंगों का खुदाई कार्य किया जा सकता है. दरअसल प्रारंभिक अभियान के पूरा होने पर इस खंड पर सुरंग बनाने का मुख्य कार्य इस वर्ष अप्रैल माह में शुरू किया गया था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण अनेक बंदिशों के बावजूद कार्य जारी रखा गया और यह बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकी.

दरअसल सघन शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंगों के कार्यों के लिए टनल बोरिंग मशीनें विशेष तौर पर उपयोगी होती हैं. डीएमआरसी ने सुरंगों के निर्माण के लिए फेज-1 से ही टनल बोरिंग मशीनों का उपयोग किया है. अप और डाउन दिशा में आवाजाही के लिए दो समानांतर सकरुलर सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है जो जनकपुरी पश्चिम से केशोपुर के बीच 2.2 किलोमीटर लंबे भूमिगत सेक्शन का हिस्सा हैं. अन्य समानांतर सुरंग का निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ किया जाएगा.

यह नई सुरंग पूर्व निर्मित मेजेंटा लाइन सुरंग को ही आगे बढ़ाती है, जो वर्तमान में परिचालित बॉटेनिकल गार्डन जनकपुरी पश्चिम कॉरिडोर के लिए पहले निर्मित की गई थी. इस सुरंग का निर्माण लगभग 14 से 16 मीटर की गहराई पर किया गया है. सुरंग में एक हजार से भी अधिक रिंग्स लगाये गए हैं. इसका भीतरी व्यास 5.8 मीटर है. सुरंग का अलाइनमेंट बाहरी रिंग रोड के साथ-साथ बहुमंजिली इमारतों के नीचे से होकर गुजरता है.

HIGHLIGHTS

  • जनकपुरी पश्चिम से केशोपुर के बीच 2.2 किमी लंबा सेक्शन
  • सुरंग का निर्माण लगभग 14 से 16 मीटर की गहराई पर
  • सुरंग में एक हजार से भी अधिक रिंग्स लगाये गए
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