हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि अगर हम किसी सांप को मार दें और वो सांप जिंदा बच जाए या उसके परिवार का कोई सदस्य उसे मारते हुए देख ले तो वह बदला लेने पर उतर आता है. हम ये भी सुनते आ रहे हैं कि जब कोई इंसान सांप को मारता है तो उसकी आंखें कुचल देता है, नहीं तो मरे हुए सांप की आंखों में मारने वाले की फोटो क्लिक हो जाती है और फिर सांप का साथी उस फोटो को देखता है और बदला लेता है.वो तब तक पीछा करता है जब तक कि उसे मारने वाला मार नहीं देता है. अब सवाल है कि आखिर ऐसा कुछ होता है क्या है?
क्या सच में सांप लेते हैं बदला?
सांपों के बारे में कई मिथक और धारणाएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक ये भी है कि सांप इंसानों से बदला लेते हैं. इस मिथक के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, लेकिन यह धारणा कई कारणों से प्रचलित हो गई है. सांप आमतौर पर इंसानों से डरते हैं और इंसानों से दूरी बनाए रखना पसंद करते हैं. जब भी सांप खतरा महसूस करते हैं, तो वे बचने की कोशिश करते हैं या चेतावनी देते हैं. वे केवल तभी अटैक करते हैं जब वे खुद को खतरे में महसूस करते हैं और बचने का कोई अन्य रास्ता नहीं होता.
आखिर सांप क्यों करते हैं हमला?
कई संस्कृतियों में सांपों को लेकर कहानियां और मिथक प्रचलित हैं, जिसमें कहा जाता है कि सांप अपने साथी या परिवार के सदस्य की हत्या का बदला लेते हैं. ऐसी कहानियां बिना किसी वैज्ञानिक प्रमाण के पीढ़ी दर पीढ़ी सुनाई जाती हैं. जब सांप इंसानों को काटते हैं, तो आमतौर पर यह आत्मरक्षा का मामला होता है. उदाहरण के लिए, अगर कोई इंसान गलती से सांप पर पैर रख दे या उसे उठाने की कोशिश करे, तो सांप अपने बचाव में काट सकता है. इसे बदला लेना नहीं कहा जा सकता है.
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इसे लेकर वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सांपों में बदला लेने की क्षमता नहीं होती है. उनका मस्तिष्क बहुत ही सरल होता है और उनमें जटिल भावनाओं और लॉन्ग टर्म मेमोरी की कमी होती है. वे केवल अपने आस-पास के टेंपरेरी खतरों पर रिएक्ट करते हैं.
Source : News Nation Bureau