कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है. 25 हजार से अधिक लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है. दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना से बचने के लिए अलग-अलग तरीके खोज रहे हैं. इसी बीच वैज्ञानिकों ने एक नई तरकीब सुझाई है जिससे कोरोना वायरस को खत्म करने से रोका जा सकता है. दरअसल इस महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए अब कुत्तों की मदद ली जाएगी. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कुत्तों के सूंघने की शक्ति इतनी ज्यादा तेज होती है कि वे किसी भी बीमारी का सूंघकर पता लगा सकते हैं. इनमें कोरोना भी शामिल है.
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हाल ही में लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (LSHTM) ने रिसर्च में पाया है कि कुत्ते मलेरिया जैसे रोग का सूंघकर पता लगा सकते हैं. इसलिए वैज्ञानिकों को उम्मीद जगी है कि कुत्ते कोरोना वायरस से निपटने में भी मददगार साबित हो सकते हैं. इसलिए कुत्ते की मदद से कोरोना की पहचान की जा सकती है.
वैज्ञानिकों को दावा है कि कुत्ते कोरोना वायरस को आसानी से पता लगा सकते हैं. इसके लिए कुत्तों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
दरअसल जिस बीमारी से पुरी दुनिया कराह रही है उसका पता लगाने के लिए कुत्तों की मदद लेने का फैसला लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन ने ब्रिटेन की एक संस्था मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स के साथ मिलकर की है. दरअसल वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बीमारी की भी एक अलग तरह की गंध होती है. इससे पहले भी कुत्तों पर कई तरह के प्रयोग किए जा चुके हैं जो सफल भी रहे हैं.
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वैज्ञानिकों ने किया दावा
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कुत्ते कोविड-19 को सूंघकर आसानी से पहचान कर सकते हैं. वैसे तो हर नस्ल के कुत्ते किसी भी चीज को सूंघकर आसानी से पता लगाने में सझम होते हैं लेकिन लेब्राडोर नस्ल इनमें सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. अब वैज्ञानिक इस बात की तैयारी कर रहे हैं कि कैसे कुत्तों को सावधानी बरतते हुए इस वायरस की गंध की पहचान कराई जाए.
Source : News State