दुनिया के किसी भी देश में राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा के सबसे कड़े इंतजाम होते हैं. इन जगहों पर सुरक्षा की कमान सबसे तेज तर्रार कमांडोज के हाथों में होती है. आपको बता दें कि ये कमांडोज बहुत ही ज्यादा प्रशिक्षित होते हैं. ये कमांडोज 24 घंटे पूरी तरह से चौकन्ने रहते हैं कहीं से भी कोई खतरे की आहट आते ही तुरंत अलर्ट हो जाते हैं और अपनी पोजिशन ले लेते हैं. इतना ही नहीं ये पलक झपकते ही खतरे वाली वजह को काबू में कर लेते हैं. आपको बता दें कि किसी भी देश में ऐसे ही कमांडोज की मौजूदगी से उनके नेता सुरक्षित रहते हैं.
ये कमांडोज देश के दुश्मनों के मंसूबों को पलक झपकते ही भांप लेते हैं और पल भर में ही उन्हें चकनाचूर भी कर देते हैं. ऐसे कमांडोज के बारे में ये कहा जाता है कि जहां
पर ये तैनात होते हैं वहां पर परिंदे भी पर नहीं मार सकते हैं. आपको जानकर हैरत होगी कि दुनिया में ऐसा भी एक देश है, जहां राष्ट्रपति भवन जैसे अहम इमारत की जिम्मेदारी भी ऐसे कमांडोज की जगह परिंदों को दी गई है. आखिर क्या वजह है इसके पीछे और कौन वो देश है जिसने ये साहस भरा कदम उठाया है कि कमांडोज
के बदले परिंदों को इतनी महत्वपूर्ण इमारतों की जिम्मेदारी दी गई है. तो चलिए अब आपको ये बता ही देते हैं कि ये देश कोई और नहीं बल्कि रूस है जहां राष्ट्रपति भवन और उसके आस पास की इमारतों की सुरक्षा परिंदों के जिम्मे है.
परिंदों के जिम्मे राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा
रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन और उसके आस-पास के प्रमुख सरकारी भवनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वहां के परिंदों के हाथों में दी गई है. आपको बता दें कि देश के रक्षा विभाग ने इन परिंदों ये बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. आपको बता दें कि ये कोई नया निर्णय नहीं है इन परिंदों ने अब से 39 साल पहले से ये बड़ी जिम्मेदारी निभाई है. आपको बता दें कि साल 1984 से इन शिकारी परिंदों के हाथ में राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी है. फिलहाल इस शिकारी परिंदों की टीम में 10 से ज्यादा उल्लू और बाज हैं. इन परिंदों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है.
जानिए राष्ट्रपति भवन में क्यों तैनात हैं ये शिकारी परिंदे
अब आपके मन में लगातार इस बात को लेकर जिज्ञासा बढ़ती जा रही होगी कि आखिराकार परिंदों के जिम्मे ये सुरक्षा क्यों सौंपी गई है. तो चलिए आपका संदेह भी दूर किए देते हैं और आपको बता देते हैं इन शिकारी परिंदों की तैनाती की असली वजह. दरअसल, इन शिकारी परिंदों की तैनाती वहां पर किसी हमले को नाकाम करने के मकसद से नहीं की गई है. इन शिकारी परिंदों का काम राष्ट्रपति भवन पर कौओं व अन्य पक्षियों के मल-मूत्र और गंदगी से बचाना है. ये परिंदे राष्ट्रपति भवन और वहां बनी प्रमुख सरकारी इमारतों को बचाना. जैसे ही कोई कौवा या पक्षी राष्ट्रपति भवन के पास नजर आता है, ये शिकारी परिंदे फौरन उन पर टूट पड़ते हैं और वहां से दूर भगा देते हैं या मार गिराते हैं.
HIGHLIGHTS
- शिकारी परिंदों के भरोसे राष्ट्रपति भवन
- राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा परिंदों के हाथ में
- पिछले 39 सालों से परिंदे निभा रहे ये जिम्मेदारी