Easter Island: दुनियाभर में ऐसे तमाम रहस्य हैं जिनमें से कुछ के बारे में तो इंसान जानता है लेकिन आज भी अनगिनत रहस्यों बना हुए हैं. पृथ्वी पर ऐसी कुछ चीजें मौजूद हैं जो बेहद विचित्र और रहस्यमयी है. वैज्ञानिक भी इन रहस्यों के बारे में पता नहीं लगा पाए. ऐसा ही एक रहस्य है ईस्टर आइलैंड पर मौजूद सैकड़ों रहस्यमयी मूर्तियों का. जो सैकड़ों साल से लोगों के लिए कौतूहल का विषय रहा है. इन मूर्तियों को किसने और कब बनाया इसे लेकर अलग-अलग तरह की बारे कहीं जाती है लेकिन सच्चाई के बारे में कोई नहीं जानता. दरअसल, प्रशांत महासागर में स्थित ईस्टर आइलैंड पर माओ मूर्तियां स्थापित हैं. इन मूर्तियों की स्थापना यहां किसने की इसके बारे में कोई नहीं जानता. ना तो बनाने वाले का आज तक पता चला और ना ही समय का कि कब इन मूर्तियों की यहां स्थापना की गई.
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दुनियाभर के विशेषज्ञों ने इन मूर्तियों को लेकर अलग-अलग बातें कहीं गई लेकिन सच्चाई का कुछ भी पता नहीं चला. इस वीरान पड़े टापू पर कई ऐसी मूर्तियां भी देखने को मिलती है जिनकी ऊंचाई करीब 7 मीटर है. हैरानी की बात तो ये है कि पुराने समय में इतनी ऊंची और भारी मूर्तियों को बनाना उस समय के लोगों के लिए लगभग नामुमकिन होगा. इसीलिए इन मूर्तियों का रहस्य गहराता रहा है. ऐसे ही कई सवालों का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने इस वीरान टापू पर लंबे समय तक इन मूर्तियों पर शोध किया. लेकिन इससे फिर भी पर्दा नहीं हटा.
ईस्टर आइलैंड पर मौजूद सबसे बड़ी मूर्ति की ऊंचाई करीब 33 फीट है. जिसका वजन करीब 75 टन के बराबर है. ऐसा माना जाता है कि ये मूर्तियां करीब 1200 साल पुरानी हैं. जानकार बताते हैं कि इस वीरान टापू पर काफी समय पहले रापा नुई लोगों का बसेरा होता था. कुछ लोगों का कहना है कि इन विशालकाय मूर्तियों को उन्हीं रापा नुई लोगों ने यहां बनाया होगा. लेकिन सवाल ये है कि पुरानी मानव सभ्यता के लिए इन मूर्तियों को बनाना कितना मुश्किल रहा होगा.
इस वीरान टापू की खोज साल 1722 में डच एडमिरल याकूब रोगेवीन ने की थी. तब वे अपने तीन जहाजों के साथ इस टापू के पास पहुंचे थे. इस दौरान उनके दल को दूर से सैकड़ों ऊंची-ऊंची इंसानी आकृति दिखाई दीं. रोगेवीन और उनका दल जब जहाज से उतरकर टापू पर पहुंचा, तो उन्हें पत्थरों से बनी कई विशाल मूर्तियां देखने को मिलीं. जिन्हें देखकर वे हैरान रह गए. उन्होंने भी जानने की कोशिश की कि ये मूर्तियां इस वीरान टापू पर कैसे आईं तो उन्हें भी इसके बारे में कुछ पता नहीं चला.
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इन मूर्तियों का निर्माण इंसान ने नहीं बल्कि एलियंस ने किया था. उनके मुताबिक प्राचीन समय के लोगों के लिए इतने कठिन काम को करना नामुमकिन था. उन लोगों को पास इन्हें बनाने का कोई साधन नहीं था. जो इतने भारी भरकम पत्थरों को इधर से उधर ले जा सकें. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि ईस्टर आईलैंड पर मौजूद इन मूर्तियों को प्राचीन आदिवासियों ने बनाया था.
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कुछ साल पहले यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के एक डॉक्टर ईस्टर आइलैंड के एक ज्वालामुखी के पास पहुंचे, जहां उन्होंने अंदर छुपी कई खदानें को खोजा. इसके साथ ही उन्हें वहां मूर्ति को बनाने के कई अवशेष भी मिले. जिनमें डलवा धातु की एक 7 इंच लंबी कुल्हाड़ी भी शामिल थी. इससे इस बात का पता चलता है कि इन मूर्तियों को प्राचीन समय में वहां के मूल निवासियों ने बनाया था. जिनका इस्तेमाल वे अपने धार्मिक अनुष्ठानों के लिए किया करते थे.
Source : News Nation Bureau