Eynhallow Island: पूरी दुनिया में सैकड़ों आइलैंड यानी द्वीप मौजूद हैं. हर द्वीप अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है जहां लोग घूमने फिरने और छुट्टियां बिताने जाते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे द्वीप के बारे में बताने जा रहे हैं जहां साल में सिर्फ एक बार जाने की इजाजत मिलती है. इसके पीछे की वजह जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. दरअसल, हम बात कर रहे हैं आइनहैलो द्वीप के बारे में जो स्कॉटलैंड में स्थित है.
ये भी पढ़ें: केरल: कूड़ा बीनने वालीं महिलाओं के हाथ लगा बड़ा जैकपॉट, रातोंरात बनीं करोड़पति
दिल के आकार है ये द्वीप
बता दें कि आइनहैलो द्वीप का आकार किसी दिल की तरह है. ये द्वीप काछी छोटा होने की वजह से इसे नक्शे में मुश्किल से ढूंढा जा सकता है. इस द्वीप को लेकर तमाम रहस्यमयी कहानियां प्रचलित हैं. मान्यताओं के मुताबिक, इस द्वीप पर भूत-प्रेत और शैतानी ताकतों का निवास है. इसीलिए इस द्वीप लोगों को हमेशा जाने की इजाजत नहीं मिलती. ये शैतानी ताकतें इतनी शक्तिशाली हैं कि अगर कोई यहां अकेले जाने की गलती करता है तो वापस लौटकर नहीं आता. स्कॉटलैंड में खासकर ऑर्कने के लोगों में ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति इस द्वीप पर अकेला जाता है तो शैतानी आत्माएं उसे मार देती हैं.
द्वीप पर रहती हैं जलपरियां!
वहीं बहुत से लोग मानते हैं कि बुरी आत्माएं द्वीप को हवा में गायब कर देती हैं. यही नहीं इस द्वीप पर जलपरियों का निवास भी माना जाता है. जो गर्मियों के दिनों में पानी से बाहर आती हैं. स्कॉटलैंड के हाईलैंड्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेन ली के का कहना है कि इस आइलैंड पर हजारों साल पहले लोग रहते थे, लेकिन साल 1851 में यहां प्लेग की बीमारी फैल गई, जिसके चलते यहां से लोग चले गए. इसके बाद ये द्वीप वीरान हो गया. यहां कई पुरानी इमारतों के मलबे भी देखने को मिलते हैं. पुरातत्वविदों के मुताबिक, यहां पाषाण काल की भी कई दीवारें मिली हैं.
गर्मी के मौसम में एक दिन के लिए जाते हैं लोग
आइनहैलो के प्रति लोगों के आकर्षण देखते हुए ऑकर्ने द्वीप की एक सोसायटी ने एक कदम उठाया. जिसके तहत हर साल गर्मी के मौसम में एक दिन सैलानियों को इस द्वीप पर लाया जाता है. इसके लिए लोग पहले पूरी तैयारी करते हैं. मौसम का ध्यान रखते हुए अच्छे तैराक यहां लोगों के साथ चलते हैं. जिससे अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो आसानी लोगों की मदद की जा सके. आइनहैलो द्वीप ऑर्कने आइलैंड से महज 500 मीटर की दूरी पर है, इस द्वीप तक नाव के जरिए भी पहुंचना मुश्किल है. क्योंकि यहां बहने वाली नदियों में इतने ज्यादा ज्वार भाटे आते हैं कि वो नावों का रास्ता रोक देते हैं जिससे नौकाएं रास्ता भटक जाती हैं.
ये भी पढ़ें: 'भगवान गणेश' जैसी शक्ल वाले बच्चे का यहां हुआ जन्म, डॉक्टरों के देखकर उड़ गए होश
Source : News Nation Bureau