हमारे देश में भले ही ज्यादातर लोग गांव छोड़कर शहर में बसना चाहते हों लेकिन यूरोप के एक देश में लोग शहर छोड़कर गांव में बस रहे हैं. हालांकि, यूरोप के दूसरे देशों में ऐसा नहीं है. वहां भी भारत की तरह ही लोग गांव छोड़कर शहर में बसना चाहते हैं. लेकिन जर्मनी में कुछ अलग ही चल रहा है. दरअसल, जर्मनी के शहरों में रह लोग तमाम लोग गांव की ओर पलायन करना चाहते हैं. बताया जा रहा है कि पिछले तीन दशकों के दौरान जर्मनी में भी ऐसा ही था, यहां भी लोग गांव से शहरों की ओर जा रहे थे लेकिन अब इसका उल्टा होने लगा और लोग शहरों से गांव की ओर पलायन करने लगे हैं.
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हैरानी की बात ये है कि 1990 में जर्मनी के एकीकरण के बाद पूर्वी जर्मनी के राज्यों में कई गांव खाली हो गए. वहीं बर्लिन और म्यूनिख जैसे शहरों की आबादी में साल 2000 से 2020 के बीत 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई. जहां छात्र, नौकरी की तलाश के लिए विदेश जा रहे हैं वहीं 30 से 49 साल के बीच लोग शहरों से पलायन कर रहे हैं. इनमें 25 से 29 आयु की बीच के लोग भी 2017 के बाद से शहरों को छोड़ रहे हैं.
बता दें कि जर्मनी में आबादी में बदलाव और उनके नतीजों का अध्ययन करने वाली संस्था बर्लिन फॉर पॉप्यूलेशन एंड डेवलपनमेंट ने अपनी अध्ययन में पाया कि पहले की तुलना में अब ज्यादा लोग गांवों की ओर जा रहे हैं. 2021 में दो तिहाई ग्रामीण समुदायों में आबादी में इजाफा हुआ वहीं एक दशक पहले ऐसे चार में से केवल एक समुदाय में देखने को मिलता था.
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शोधकर्ताओं ने जर्मनी के अलग अलग ग्रामीण इलाकों के छह समुदायों में एक हफ्ता गुजारा, जहां आबादी बढ़ रही है. इस दौरान उन्होंने लोगों से बातचीत की तो पाया कि लोग यहां आना इसलिए पसंद कर रहे हैं क्योंकि लोग यहां आपस में एक दूसरे से ज्यादा जुड़े हुए हैं. साथ ही ये काफी सस्ता भी है. इनमें से बहुत से लोगों का कहना है कि वे रहने के लिए ज्यादा सस्ती और प्रकृति के करीब और कम आबादी वाली जगहों पर रहना चाहते हैं. इसलिए वे शहर छोड़कर गांव में रहना चाहते हैं. हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि जर्मनी के ग्रामीण इलाकों में आबादी तेजी से बढ़ रही है.
Source : News Nation Bureau