बिहार के मुजफ्फरपुर में निजी अस्पतालों ने कुछ ऐसा किया है कि स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह चौंक गया है. निजी अस्पतालों का कहना है कि कोरोना की लहर के दौरान उसने 400 लोगों को नसबंदी की थी. इस पूरे ऑपरेशन के लिए उसके 25 लाख का बिल बनाया है. जब यह बिल स्वास्थ्य विभाग को सौंपे गए तो स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जब कोरोना पीक पर था उस दौरान सब कुछ बंद था, लॉकडाउन के दौरान लोग घरों से बाहर तक नहीं निकल पा रहे थे. ऐसे में यह ऑपरेशन कैसे हो गया. विभाग ने अब इस पूरे मामले की जांच करने की तैयारी में जुट गया है.
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मुजफ्फरपुर के निजी अस्पतालों का कहना है कि उसने कोरोना काल में इमरजेंसी में महिला व पुरुष नसबंदी की थी. तब से अभी तक करीब 400 ऑपरेशन के लिए 25 लाख रुपये खर्च हुए. इस पूरे बिल को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी स्तब्ध है कि जब इस दौरान सब कुछ बंद था तो इतने बिल कैसे आ गए. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन बंद थे, सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन किए जा रहे थे, सरकारी अस्पतालों में प्रसव की संख्या में गिरावट आई थी, इसलिए स्वास्थ्य विभाग बिल की जांच के साथ जिन मरीजों की नसबंदी की गई थी, उनका भी सत्यापन कराएगा, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यदि मरीज के डाटा में गड़बड़ी मिलती है तो संबंधित अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम नसबंदी कराने वालों का सत्यापन करेगी.
HIGHLIGHTS
- मुजफ्फरपुर में कोरोना लहर में भी 400 नसबंदी करने का मामला
- निजी अस्पतालों ने कहा, लॉकडाउन में 400 लोगों की हुई थी नसबंदी
- स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे मामले की जांच करने की तैयारी में जुटा