फंगल इंफेक्शन एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के ऊपरी भाग में किसी भी हिस्से में हो सकती है. हाथ, पैर, उंगलियां, मुंह या बॉडी के किसी भी पार्ट्स पर इंफेक्शन हो सकता है. यह किसी भी उम्र के लोगों में फैल सकता है. हवा में छोटे-छोटे फंगस घूमते रहते हैं, यह कमजोर इम्यून पावर के लोगों को अपनी चपेट में ले लेते हैं. जिससे मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ता है. यह पहले तो छोटे से घाव या दाद के रूप में होते हैं. अगर समय रहते इसका इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है. हालांकि, सभी कवक (फंगस) नुकसानदेह नहीं होते. कुछ फंगस तो शरीर के लिए अच्छे भी माने जाते हैं, लेकिन जो हानिकारक फंगस हैं उनसे बचने के लिए हमें अंदर से मजबूत होने की जरूरत है.
कुछ सामान्य फंगल इंफेक्शनों में शामिल हैं:
ऐथलीट्स फ़ुट (Athlete's Foot): पैरों की त्वचा के बीच में होने वाला यह इंफेक्शन ज्यादातर गरम और आरामदायक जगहों में होता है.
जॉक इच (Jock Itch): इसे इंगुइनल इंफेक्शन भी कहा जाता है और यह ज्यादातर यौन रूप से संक्रमित होता है.
यीस्ट इंफेक्शन (Yeast Infection): महिलाओं के योनि और पुरुषों के उपांग में हो सकता है और यह कवक कंडीडा अल्बिकन्स के कारण होता है.
नेइल फंगस (Nail Fungus): नाखूनों में होने वाला इंफेक्शन, जिसे ऑनीकोमाइकोसिस कहा जाता है, नाखून को प्रभावित कर सकता है.
कैंडीडियासिस (Candidiasis): यह शरीर के विभिन्न हिस्सों में हो सकता है, जैसे कि मुंह, गला, या जेनिटल इलाके में.
इन इंफेक्शनों का सामान्यत: जलन, खुजली, और सूजन के साथ होता है. उपचार के लिए एंटीफंगल दवाएँ और स्थानीय उपायों का इस्तेमाल किया जा सकता है. बचाव के लिए साफ और सुखी रखावट, सही और स्वस्थ भोजन, और स्वच्छता का पालन करना महत्वपूर्ण है. फंगल इंफेक्शन जानलेवा हो सकता है, और इसका कारण कवक या फंगस होते हैं जो स्वस्थ त्वचा या अन्य शरीर के भागों में प्रवेश करके संक्रमण करते हैं. यहां कुछ कारण हैं जो फंगल इंफेक्शन को जानलेवा बना सकते हैं:
इम्यून सिस्टम कमजोरी: यदि व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, तो वह कवकों और फंगसों के खिलाफ सही संरक्षण प्रदान नहीं कर पाता है, जिससे इंफेक्शन हो सकता है.
शरीर के भौतिक संरचना में परिवर्तन: कभी-कभी त्वचा के भौतिक संरचना में परिवर्तन, जैसे कि भूरे रंग के कपड़ों का उपयोग, मोजे, या बंधे हुए बाल, फंगल इंफेक्शन के लिए एक अच्छा वातावरण प्रदान कर सकता है.
उच्च आर्द्रता: गर्मी, पसीना, और आर्द्रता के स्तर में बदलाव फंगल इंफेक्शन को बढ़ा सकता है, जैसे कि ऐथलीट्स फ़ुट और जॉक इच.
भूकम्पशास्त्र (Diabetes): मधुमेह रोगी फंगल इंफेक्शन के लिए अधिक संवेदनशील हो सकते हैं, क्योंकि उनकी रक्त शर्करा की स्तिति इन्फेक्शन को बढ़ा सकती है.
बाह्य कारक: बाह्य कारक जैसे कि साबुन, शैम्पू, और कस्मेटिक्स में अधिक रासायनिक तत्व होना भी त्वचा को कवकों के प्रति संवेदनशील बना सकता है.
इन कारणों से एक व्यक्ति फंगल इंफेक्शन का शिकार हो सकता है, लेकिन सभी इंफेक्शन इन कारणों से नहीं होते हैं और यह व्यक्ति की स्वास्थ्य और रोग पर भी निर्भर करता है.
Source : News Nation Bureau