देश में मानसिक रूप से बीमार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मानसिक रूप से बीमार का मतलब है जिनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है. सामान्यतः हम ऐसे लोगों को पागल कहते हैं. अगर ऐसे लोगों का इलाज किया जाए तो कई लोग ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई मामलों में देखा जाता है कि ऐसा व्यक्ति के पागलपन के कारण होता है. अब सवाल यह है कि 140 करोड़ की आबादी वाले देश में कितने लोग मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं?
सामान्य तौर पर देखा जाए तो कोई भी इंसान इस तरह पागल नहीं होता. इसके पीछे कई कारण होते हैं. कोई अपने पारिवारिक तनाव से पागल होता है तो कोई अपने काम से. आज हम जानेंगे कि हमारे देश में कितने पागल लोग हैं यानी जो मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं.
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देश में कितने पागलों की संख्या
आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 19.73 करोड़ लोग मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं. ऐसे लोग किसी न किसी कारण से मानसिक तनाव में दबे हुए हैं, जिसके कारण उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. हालांकि यह रिपोर्ट 2017 की है, जिसमें बताया गया था कि देश में 19 करोड़ भारतीयों का दिमागी संतुलन सही नहीं थी. इसी रिपोर्ट में यह भी था कि उत्तर भारत के लोग सबसे ज्यादा मानसिक संतुलन से जूझ रहे थे. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऐसे लोग सबसे ज्यादा आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं.
क्या पागलपन इलाज होता है?
आप समझ सकते हैं कि आज हम 2023 में आ गए हैं तो इसकी संख्या कितनी तेजी से बढ़ी होगी. हमारे देश में मानसिक संतुलन से परेशान लोगों को पागलपन से जोड़ दिया जाता है. और इलाज कराने के बाद सोचते भी नहीं है जबकि पागलपन का इलाज है. डॉक्टरों के अनुसार पागल होना दिमागी असंतुलन के कारण होता है, जिसका इलाज हो जाता है और इंसान ठीक भी हो जाता है. हमारे देश में मानसिक बीमारी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता की कमी है.
Source : News Nation Bureau