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इंसानों की एक गलती से पूर्व की ओर झुक गई है पृथ्वी, रिसर्च में हुआ ये खुलासा

धरती के एक तिहाई हिस्से पर पानी भरा हुआ है. पानी इंसान ही नहीं बल्कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले हर जीवधानी और वनस्तपति के लिए जरूरी है. ऐसे में जमीन के अंदर मौजूद पानी अगर खत्म हो जाए तो इंसानों सभ्यता के लिए ये मुसीबत पैदा कर देता.

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Suhel Khan
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Earth ( Photo Credit : सांकेतिक तस्वीर)

बढ़ती आबादी और इंसानों के अंतरिक्ष में बढ़ते कदम पृथ्वी के लिए नित नई चुनौतियां पैदा कर रहे हैं. अब एक ऐसी रिसर्च सामने आई है जिसने सभी को चौंका दिया है. ये रिसर्च पानी को लेकर है. जिसका इंसान जमकर दोहन कर रहा है. पानी के इसी दोहन की वजह से हमारी पृथ्वी पूर्व की ओर झुक गई है. बता दें कि हमारी पृथ्वी का एक तिहाई भाग पानी से ढका हुआ है. ऐसे में ग्राउंड वाटर की कमी किसी बड़े खतरे की ओर इशारा करती है.

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क्या कहा गया है इस रिसर्च में?

दरअसल, साइटेक डेली में छपी एक खबर के मुताबिक, जियोफ‍िजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंसानों ने पृथ्वी से पंपिंग के जरिए इतना ज्यादा ग्राउंडवॉटर निकाला है कि पिछले 20 सालों से भी कम समय में पृथ्वी 4.36 सेंटीमीटर/प्रतिवर्ष की गति से करीब 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर झुक गई है. बता दें कि जियोफ‍िजिकल रिसर्च लेटर्स एजीयू की पत्रिका है, जिसका काम पृथ्वी और अंतरिक्ष विज्ञान में होने वाले प्रभावों के साथ-साथ लघु-प्रारूप और उच्च-प्रभाव अनुसंधान को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित करती है.

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पृथ्वी से निकाल लिया गया इतना पानी

इसके साथ ही इस रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि, जलवायु मॉडल के बेस पर वैज्ञानिकों को पहले अनुमान था कि इंसानों ने 1993 से 2010 तक 2,150 गीगाटन ग्राउंडवॉटर निकाला है, जो समुद्र स्तर से 6 मिलीमीटर ज्यादा है. हालांकि, इसे सही अनुमान नहीं माना गया है. क्योंकि इसे लेकर सटीक अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है.

कहां निकाला गया सबसे ज्यादा ग्राउंटवाटर

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा भूजल दुनिया में दो इलाकों में निकाला गया है. जिसमें पहला अमेरिका का पश्चिमी इलाका और दूसरा भारत का उत्तर-पश्चिम इलाका बताया गया है. बता दें कि हमारे देश में पंजाब और हरियाणा में सिंचाई के लिए सबसे ज्यादा भूजल का इस्तेमाल किया जाता है. सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी शोधकर्ताओं का मानना है कि भूजल के रिडिस्ट्रिब्‍यूशन से रोटेशनल पोल के बहाव पर बहुत ज्‍यादा असर पड़ता है जो पृथ्वी के घूर्णी ध्रुव के बहाव पर बड़ा असर डालता है.

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Source : News Nation Bureau

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