Hallmark Mandetory On Gold: सोने की गुणवत्ता को परखने के लिए हॉलमार्किंग के प्रावधान को लाया गया था. आम जनता के बीच इस मार्क की समझ है. वे इसे गुणवक्ता का पैमाना मानती है. अब केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए एक अप्रैल से बिना 'हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन डिज़िट' (HUID) वाले सोने के आभूषण और कलाकृतियों को अब नहीं बेचा जा सकेगा. अब छह डिजिट वाले हॉलमार्क साइन वाली ज्वैलरी ही बिक सकेंगी. सरकार के इस आदेश से ज्वैलर्स परेशानी में पड़ गए हैं. आइए जानते हैं कि HUID है क्या. इसकी वजह से क्या हो सकते हैं बदलाव.
आखिर HUID क्या है
विशेषज्ञों के अनुसार HUID को गहने के आधारकार्ड की तरह कहा जा सकता है. जैसे हर व्यक्ति का अलग आधार नंबर है, उसी तरह हर गहने का अलग HUID नंबर. इस नंबर को यदि आप बीआईएस के ऐपर डालेंगे को गहने की पूरी डिटेल आपके सामने होगी. इसका अर्थ है कि जेवर का भार, कैरेट और मैन्युफैक्वरिंग डिटेल मिल जाएगी. इससे कारोबार में पारदर्शिता आएगी. ग्राहकों को भी चुनाव करने में आसानी होगी.
ये भी पढ़ें: Umesh Pal को 3 बार मारने की गई थी कोशिश, जानें क्राइम ब्रांच और STF ने क्या किया खुलासा
दो वर्ष पहले ही इसका ऐलान कर दिया था
गौरतलब है कि सरकार ने दो वर्ष पहले ही HUID का ऐलान कर दिया था. एक अप्रैल 2023 से सिर्फ छह डिजिट वाले हॉलमार्क साइन और HUID से लैस गहने ही बिक पाएंगे. उस दौरान ज्वैलर्स ने इस समय को नाकाफी बताया था. जौहरियों का कहना है कि पुरानी व्यवस्था के तहत 4 व 5 डिजिट के गहनों का स्टॉक अमान्य घोषित करना न्याय संगत नहीं है. इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए.
दुकानदारों का कहना है कि पहले 5 और 4 डिजिट का हॉलगार्क होता था. अब ये बढ़ाकर छह डिजिट कर दिया गया है. अब 4 और 5 डिजिट वाले गहनों की वैधता 31 मार्च 2023 तक है. इसके बाद अगर जूलर के पास 4 या 5 डिजिट वाला आभूषण होगा तो उसे छह डिजिट में करना होगा. इसके लिए प्रत्येक पीस पर 53.10 रुपये फीस देने होगी. इसमें हॉलमार्क सेंटर को 40.50 रुपये फीस, बीआईएस को 4.50 रुपये रॉयल्टी और सरकार को 8.10 रुपये जीएसटी की कमाई होगी. इसका जूलर्स एसोसिएशन ने पुरजोर विरोध किया है.
धोखाधड़ी के केस पर लगेगी लगाम
HUID नंबर सोने की शुद्धता की पहचान है. यह छह अंकों का नंबर अल्फान्यूमेरिक कोड में होता है. इसकी मदद से ग्राहकों को गोल्ड जूलरी के बारे जानकारी दी जाती है. 4, 5 डिजिट हॉलमार्क में इस तरह की सुविधा नहीं मिलती है. धोखाधड़ी होने पर कोड के जरिए शुद्धता को जांचने वाले सेंटर की पहचान हो सकती है. इसकी जवाबदेही तय हो सकेगी. इस तरह से धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी. ग्राहक खुद भी ऐप पर जाकर अपने आभूषण की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है. इस तरह ग्राहक और जूलर्स के बीच विश्वास बढ़ेगा. ग्राहकों की शिकायत पर बीआईएस द्वारा कई जूलर्स के यहां पर जांच चलाई गई. इसका बिल उनके पास नहीं था. ऐसे में 4, 5 डिजिट वाले हॉल मार्क आभूषणों की ब्रिकी पर एक अप्रैल 2023 से प्रतिबंध लगा दिया गया.