अगर आपसे कोई यह कहे कि देश में एक ऐसा मंदिर भी है जहां कोई मिठार्ई नहीं बल्कि प्रसाद के रूप में प्याज को चढ़ाया जाता है तो आप आश्चर्य करेंगे, लेकिन यह सच है. राजस्थान के गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) में स्थित इस मंदिर में देवता को प्रसाद के रूप में प्याज चढ़ाने की परंपरा है. जानकारी के मुताबिक प्रसाद चढ़ाने की यह परंपरा तकरीबन हजार साल पुरानी है. गोगाजी और गुरु गोरखनाथ मंदिर में देवता को प्याज चढ़ाया जाता है. बता दें कि भादो महीने के शुरू में 15 दिन का मेला लगता है. इस मेले में करीब 40-50 लाख लोग दर्शन के लिए आते हैं, जिसकी वजह से इस मंदिर में सैकड़ों क्विंटल प्याज जमा हो जाती है. इस प्याज की बिक्री करके मिले हुए पैसे से भंडारा और गौशाला चलाई जाती है.
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां सभी धर्मों के लोग गोगाजी की पूजा करने के लिए आते हैं. कहा जाता है कि गोगाजी और आक्रमणकारी महमूद गजनवी के बीच युद्ध होने पर गोगाजी ने विभिन्न स्थानों से सेनाओं को बुलाया था. यह सभी लोग अपने साथ रसद के तौर प्याज और दाल लाए थे. हालांकि इस युद्ध में गोगाजी वीरगति को प्राप्त हुए और लौटते हुए सहायक सेनाएं प्याज और दाल को गोगाजी की समाधि पर अर्पित करके वापस चली गई.
ऐसा माना जाता है कि तभी से यह परंपरा बन चुकी है. बता दें कि गोगा देव राजस्थान के लोक देवता माना जाता हैं. इसके अलावा इनको जाहरवीर गोग राणा के नाम से भी पुकारा जाता है. जानकारी के मुताबिक राजस्थान के महापुरुष गोगाजी का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था और इसको गोगा नवमी के नाम से भी जानते हैं.
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HIGHLIGHTS
- गोगाजी और गुरु गोरखनाथ मंदिर में देवता को प्याज चढ़ाया जाता है
- बता दें कि भादो महीने के शुरू में यहां पर 15 दिन का मेला लगता है